बिहार में शराबबंदी कानून को कड़ाई से पालन करवाने के लिए सरकार हर उपाय कर रही है। सरकार अब शराबियों को पहचानने के लिए आधार रिकार्ड बनाने जा रही है। मद्य और निषेध विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शराब पीकर पकड़े गए शख्स के लिए उसका पहचान छुपाना मुश्किल हो जाएगा। उसने पहली बार शराब पी है या दूसरी बार, इस बात का पता तुरंत चल जाएगा।
आधार नंबर दर्ज कर रिकॉर्ड होगा तैयार
ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए प्रशासन शराबियों का आधार नंबर दर्ज कर एक रिकॉर्ड तैयार कर रही है। दूसरी बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान है। विभाग की ओर से इसके लिए आधार ऑथेंटिकेट करने वाली मशीन भी लगाई जा रही है। बताया जा रहा है कि पटना के पांच इलाकों के अलावा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों के विभागीय कार्यालय में यह मशीन लगाई जाएगी, जिससे आधार नंबर के जरिए लोगों की पहचान हो जाएगी।
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आधार ऑथेंटिकेट मशीन लगाई जाएगी
सरकार इस योजना के तहत पूरे राज्य में 42 स्थानों पर आधार ऑथेंटिकेट मशीन की स्थापना करेगी। शराब के साथ पकड़े जाने वाले या शराब पीने वालों को पुलिस पकड़कर पहले आधार ऑथेंटिकेट सेंटर लेकर जाएगी और उसके बाद उसका बॉयोमेट्रिक डेटा भी मशीन में दर्ज किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य में प्रत्येक प्रयास के बावजूद शराब तस्करी नहीं रुक पा रही है। करीब-करीब प्रत्येक दिन राज के किसी न किसी इलाके से अवैध शराब पकड़े जाने की खबर मिलती है।
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