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बिहार: BJP छोड़कर लोजपा में गए नेताओं की होगी 'घरवापसी'!

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है।

Reported by: IANS
Published on: April 10, 2021 14:27 IST
बिहार: BJP छोड़कर लोजपा...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बिहार: BJP छोड़कर लोजपा में गए नेताओं की होगी 'घरवापसी'!

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है। लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह के जनता दल (युनाइटेड) का दामन थाम लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी लोजपा में सेंध लगाने की तैयारी में है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा के कई नेता टिकट नहीं मिलने या पार्टी से नाराजगी के कारण भाजपा को छोड़कर चिराग पासवान की पार्टी लोजपा का दामन थाम लिया था। उस समय इसे लेकर भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू ने नाराजगी भी दिखाई थी।

विधानसभा चुनाव में लोजपा जहां एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी, जबकि भाजपा राजग में सबसे अधिक सीट जीतकर बड़े भाई की भूमिका में पहुंच गई है। ऐसी स्थिति में भाजपा को छोड़कर लोजपा में जाने वाले नेताओं ने अब नरमी दिखाना प्रारंभ कर दिया है। भाजपा के सूत्र भी कहते हैं कि पार्टी छोड़कर गए नेताओं के प्रति भाजपा का नेतृत्व भी सख्त नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि ऐसे नेता एकबार फिर से भाजपा में शामिल होंगे।

भाजपा के एक दिग्गज नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि पार्टी अब अपने जनाधार को राज्य में मजबूत करना चाहती है। पार्टी के कुछ लोग नाराजगीवश पार्टी छोड़कर भले ही गए हो, लेकिन अगर वे अपनी गलती मान लेते हैं, तो उन्हें पार्टी में वापस लेने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि पार्टी छोड़कर गए सभी नेताओं को पार्टी में शामिल करने की तैयारी है, जो भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि चुनाव के बाद लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार ने चिराग पासवान का दामन छोड़ जदयू का हाथ थामा है। इससे पहले लोजपा के 200 से ज्यादा नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं।

भाजपा से दूसरे दलों में शामिल हुए नेताओं में से कुछ ने पार्टी अपनी इच्छा के अनुसार छोड़ी थी, तो कुछ को अनुशासनहीनता के कारण निकाल दिया गया था। इनमें कुछ पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन से जुड़े हुए हैं। अब पार्टी की नजर ऐसे नेताओं पर है, जिन्होंने दूसरे दल में जाने के बाद भी भाजपा के खिलाफ नहीं कहा है। पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया पहले ही लोजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा छोड़कर लोजपा में गए राजेंद्र सिंह, पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी भी भाजपा में फिर से लौटना चाहते हैं।

सूत्रों का कहना है कि ऐसे दो दर्जन से ज्यादा नेताओं की भाजपा ने पहचान कर ली है, जो भाजपा में फिर से आ सकते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का भी कहना है कि भाजपा को छोड़कर गए नेता भले ही पार्टी छोड़कर गए हो, लेकिन अब तक पार्टी के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया है। ऐसे में पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए ऐसे नेताओं पर डोरे डाल रही है। देखना है कि इन नेताओं की फिर से कब 'घर वापसी' होती है।

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