नई दिल्ली. देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के साथ कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। बिहार में पिछले कुछ दिनों में तेजी से कोरोना संक्रमण का प्रसार देखने को मिला है। इंडिया टीवी द्वारा आयोजित स्वास्थ्य सम्मेलन में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शिरकत की। लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के सवाल पर मंगल पांडेय ने बताया कि पिछले साल 22 मार्च को बिहार में पहला केस आया था और उसके बाद अप्रैल मई में धीरे धीरे कोरोना के मामले बढ़े थे, उस वक्त जांच की इतनी सुविधा नहीं थी, आज जिस संख्या में हम जांच कर रहे हैं वह आंकड़ा उस वक्त नहीं था, जब जांच कम हो रही थी और पॉजिटिव मामले ज्यादा आ रहे थे, आज की तारीख में दूसरा पीक है जो पूरे देश के अंदर है। कई बड़े राज्यों की तुलना में अभी भी नियंत्रण है, लेकिन मामले बढ़ रहे हैं, कल 3500 केस आए हैं, पहले प्रति दिन हम 3-4 हजार जांच ही कर पा रहे थे और आज हम रोजाना 90 हजार से ज्यादा जांच कर रहे हैं, जब जांच का दायरा बढ़ गया है इस वजह से नए मामले बढ़े हैं।
RT-PCR टेस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि आप यदि 15 मार्च से 8 अप्रैल के आंकड़े को देखें तो बिहार में 67 प्रतिशत आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर बात हुई है कि 70 प्रतिशत जांच की कोशिश होनी चाहिए। हम लगातार उसे बढ़ा रहे हैं। अब जो परिस्थितियां बन रही हैं और जिस प्रकार से संक्रमण दिख रहा है, रेपिड टेस्ट भी जरूरी है। कोरोना मरीजों के लिए बेड के सवाल पर पांडेय ने बताया कि पिछले 10 दिनों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है, कल से पटना के बगल में ईएसआई के अस्पताल में नई व्यवस्था शुरू कर दी है और वहां भी 50 बिस्तरों की शुरुआत हो गई है और बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं। सभी अस्पतालों में अगले एक हफ्ते के अंदर बेड बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
मंगल पांडेय ने कहा कि महाराष्ट्र से बिहार वापस लौटने वाले लोगों में की वजह से स्प्रेड बढ़ रहा है। देशभर में जितने मामले हैं उसका लगभग 50 प्रतिशत महाराष्ट्र में है। जब वहां से हमारे लोग वापस आ रहे हैं तो उनके स्वास्थ्य की चिंता और उनके परिवार के स्वास्थ्य की चिंता करनी है, सभी की जांच हो रही है ताकि जब वे घर पहुंचे तो स्वस्थ होकर पहुंचे ताकि किसी को वहां पर संक्रमण न फैले, हमने रेलवे स्टेशनों पर एंटीजन टेस्ट को बढ़ाया है। 400 में लगभग 44 लोग पॉजिटिव मिले हैं टेस्टिंग में, उनको तुरंत आइसोलेट शुरू कर देते हैं और उनका उपचार शुरू करते हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक की व्यवस्था में भारत सरकार की तरफ से वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है, दोनों तरह के वैक्सीन की सप्लाई हो रही है जिसे यूज किया जा रहा है, भारत सरकार ने टीकाकरण को लेकर जो नीति बनाई है वह नीति उचित है, पूरे देश को ध्यान में रखकर यह लड़ाई लड़ने होगी, अलग-अलग राज्य अगर अलग-अलग नीतियां बनाकर इस लड़ाई को लड़ेंगे तो लड़ने में कठिनाई आ सकती है। पिछला अनुभव भी यही कहता है कि एक व्यवस्था बनाकर लड़ाई लड़ी गई और सफलता पाई गई।
लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कल तक के आंकड़े के अनुसार 12 हजार एक्टिव मामले राज्य में पहुंच गए थे, पिछली बार जब पीक पर था तो एक्टिव मामलों की संख्या 35 हजार तक पहुंच गए थे, ऐसे में लॉकडाउन के बारे में फिलहाल सोचने की जरूरत नहीं है, पिछली बार हमारे पास लड़ाई लड़ने के लिए संसाधनों का अभाव था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। बिहार में कम से कम ऐसी स्थिति नहीं है कि यहां लॉकडाउन की फिलहाल जरूरत पड़े। हां जिन जगहों पर मरीज मिल रहे हैं उन जगहों को बेहतर तरीके से सील करके उसका माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर काम हो रहा है।