कोरोना संकट के दौर में जहां बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। वहीं इस मुश्किल समय में निजी अस्पतालों पर मरीजों से गैर वाजिव पैसे वसूलने का भी आरोप लग रहा है। इसे देखते हुए बिहार सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए कोरोना के इलाज के लिए मरीजों से ली जाने वाली फीस की अधिकतम सीमा तय कर दी है। बिहार सरकार ने इलाज की दर तय करने के लिए शहरों को तीन श्रेणी में बांटा है। राजधानी पटना को ए श्रेणी में रखा गया है। वहीं भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया और गया को बी श्रेणी में रखा गया है। वहीं शेष अन्य जिलों को सी श्रेणी में रखा गया है।
यहां बिना वेंटीलेटर और बिना आईसीयू आवश्यकता वाले मरीजों के लिए अलग दर तय की गई है। पटना में बिना वेंटीलेटर और बिना आईसीयू के इलाज करवाने के लिए अधिकतम दर 8000 से 10000 रुपए तय की गई है। वहीं आईसीयू के लिए प्रति दिन का किराया 13 से 15 हजार के बीच है। वहीं वेंटिलेटर के लिए मरीजों को अधिकतम 15 से 18000 रुपए खर्च करने होंगे।
बिहार में 1 लाख 15 हजार कोरोना संक्रमितों
बिहार में गुरुवार को 2451 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। इसके साथ ही राज्य भर में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर एक लाख 15 हजार दो सौ दस हो गई। इनमें पटना में सबसे अधिक 367, मुजफ्फरपुर में 174, मधुबनी में 141 और कटिहार में 102 और नए संक्रमित मिले। बिहार स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार सारण में 99, बेगूसराय में 97, पूर्वी चंपारण में 90, औरंगाबाद में 78, भागलपुर में 78, पूर्णिया में 77, सहरसा में 67, नालंदा में 65, भोजपुर में 61, मधेपुरा में 58, गया में 58, सीतामढ़ी में 58, समस्तीपुर में 52, गोपालगंज में 49, रोहतास में 49, लखीसराय में 47, मुंगेर में 44, सीवान में 43, अररिया में 41, पश्चिमी चंपारण में 41, किशनगंज में 38, दरभंगा में 36, नवादा में 35, अरवल में 34, वैशाली में 33, बक्सर में 29, बांका में 23, जमूई में 23, जहानाबाद में 46, कैमूर में 38, सुपौल में 27, खगड़िया में 24, शेखपुरा में 21, शिवहर में 8 और नए संक्रमितों की पहचान की गई।