पटना: बिहार सरकार ने प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों को 14 दिन पृथक-वास में रखने के लिए उनका पंजीकरण सोमवार से बंद कर दिया है क्योंकि देश भर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गयी है। बिहार में अबतक 28 से 29 लाख श्रमिक दूसरे राज्य लौट आए हैं और उनमें से 8.77 लाख लोगों को 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद पृथक-वास केंद्रों से छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा, अब तक 5.30 लाख लोग, राज्य भर में प्रखंड और जिला स्तर के पृथक-वास केंद्रों में रह रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया “हमने वापस लौटे श्रमिकों को 14 दिन संस्थागत पृथक-वास में रखने के लिए पंजीकरण को सोमवार से बंद कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि आवाजाही पर से प्रतिबंध हटा लिए जाने के कारण यह कदम उठाया गया है । लॉकडाउन अवधि के दौरान, लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने के लिए सक्षम अधिकारियों से पास लेना पड़ता था लेकिन अब इसे खोलने की शुरुआत के साथ ऐसी आवश्यकता नहीं रही है। हालांकि, प्रत्यय ने कहा कि घर-घर जाकर हालात की निगरानी की जाती रहेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या 15 जून के बाद पृथक-वास केंद्र बंद हो जाएंगे, प्रधान सचिव ने कहा कि पंजीकृत श्रमिकों के अंतिम बैच के 14-दिवसीय पृथक-वास अवधि समाप्त होने पर ये केंद्र 15 जून के बाद बंद हो जाएंगे।
प्रत्यय ने कहा कि स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियाँ शुरू करने के लिए स्कूलों को खाली करना पड़ेगा। यदि परिसरों को खाली नहीं किया जाता है तो स्कूलों में पढ़ाई कैसे होगी। उन्होंने कहा कि अबतक 28 से 29 लाख लाख श्रमिक बिहार आ चुके हैं। राज्य सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब बिहार लौटने वाले प्रवासियों में बडी संख्या में कोरोना वायरस के संक्रमण पाए गए हैं । स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इससे 3945 लोग संक्रमित हुए हैं।