पटना। मंगलवार (18 अगस्त) को हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार की नीतीश सरकार ने करीब साढ़े 3 लाख नियोजित (कॉन्ट्रैक्ट) शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी दे दी। सितंबर, 2020 से इन शिक्षकों को EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ भी मिलेगा। इसके अलावा इन शिक्षकों की वेतन वृद्धि का भी ऐलान कर दिया गया है। सरकार ने एक अप्रैल 2021 से नियोजित शिक्षकों को 15 प्रतिशत बढ़ाकर वेतन देने की घोषणा की है।
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वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि वर्तमान में कोरोना की वजह से राज्य सरकार के राजस्व में 33 प्रतिशत की कमी आने की वजह से ही अभी तुरंत वेतन वृद्धि न करके अगले साल 1 अप्रैल से वेतन वृद्धि का फैसला लिया गया है। नियोजित शिक्षकों को बढ़ा हुआ वेतन देने से राज्य सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
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साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षकों को सेवा शर्त नियमावली और वेतन वृद्धि का लाभ देकर नीतीश कुमार ने जबरदस्त चुनावी कार्ड खेला है। 15 अगस्त को अपने संबोधन के दौरान भी नीतीश कुमार ने शिक्षकों के लिये बेहतर करने का संकेत दिया था। शिक्षकों की लंबे समय से मांग रहने के साथ साथ राजद और कांग्रेस जैसे विरोधी दल और फिलहाल नीतीश से नाराज चल रहे चिराग पासवान ने भी नियोजित शिक्षकों की मांग को वाजिब बताकर सरकार पर निशाना साधा था।
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