पटना. बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बिहार एनडीए में रार बढ़ती ही जा रही है। एनडीए में शामिल बिहार की दो प्रमुख पार्टियों एलजेपी और जेडीयू के नेता एक दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। एक गठबंधन में शामिल इन दो पार्टियों के बीच छिड़े विवाद को लेकर राजनीतिक पंडित भी दंग हैं। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने मंगलवार को कहा कि जद(यू) ने यह साफ कर एक “एहसान” किया कि दोनों दलों में कभी गठबंधन नहीं था।
लोजपा ने एक बयान में कहा, “हम जनता दल (युनाइटेड) के इस बयान का स्वागत करते हैं कि उनका कभी लोजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं रहा। जद(यू) नेता केसी त्यागी ने हम पर एहसान किया है।” इसमें कहा गया कि पार्टी सिर्फ उन लोगों से हाथ मिलाएगी जो बिहार को देश का अग्रणी राज्य बनाने के पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के एजेंडे का समर्थन करेंगे।
केसी त्यागी ने मंगलवार को कहा था कि कोई भी दल जो राज्य में राजग का घटक है उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता यह घोषणा कर चुके हैं कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जद(यू) का हमेशा से बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन रहा है लेकिन लोजपा के साथ नहीं। उनका यह बयान तब आया है जब लोजपा ने पासवान को यह तय करने के लिये अधिकृत किया है कि कुमार के नेतृत्व वाले जद(यू) के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना है या नहीं। पार्टी ने पासवान को 143 विधानसभा क्षेत्रों के लिये उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिये भी अधिकृत किया है।