पटना: बिहार चुनाव में एक्टर सुशांत सिंह की मौत का मामला बड़ा मुद्दा बनने वाला है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी में कला संस्कृति प्रकोष्ठ के बिहार संयोजक वरुण कुमार सिंह ने सुशांत सिंह की तस्वीर साझा करते हुए कहा है कि ना भूले हैं, ना भूलने देंगे. तस्वीर के ऊपर जस्टिस फॉर सुशांत लिखा है। वरुण कुमार सिंह का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने के लिए वो पिछले 16 जून से ही अभियान चला रहे हैं। यह मुद्दा बिहार के आगामी चुनाव में तुल पकड़ता जा रहा है। आए दिन इसपर कई नेताओं के बयान सामने आ रहे है।
सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स एंगल को लेकर एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती और सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की आज कोर्ट में पेशी हुई। जिसके बाद शौविक और सैमुअल को एनसीबी की रिमांड पर 9 सितंबर तक भेजा है। वहीं, ड्रग्स पैडलर कैजान इब्राहिम को जमानत मिल गई है।
बिहार में लोकसभा की एक सीट और 15 राज्यों में विधानसभाओं की 64 सीटों पर लंबित उपचुनाव तथा बिहार विधानसभा चुनाव ‘‘लगभग एक ही समय’’ होंगे। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है और चुनाव अक्टूबर-नवंबर में कभी भी कराये जाने की संभावना है। राज्य में वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। अन्य राज्यों में विधानसभाओं की 64 रिक्त सीटों में, मध्य प्रदेश में 27 सीटें हैं।
इनमें से ज्यादातर सीटें भाजपा में शामिल होने के लिये कांग्रेस के बागी विधायकों के पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा देने से रिक्त हुई हैं। कांग्रेस सदस्यों के इस्तीफों के चलते मध्य प्रदेश में कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिरने के बाद वहां भाजपा सत्ता में लौटी है। आयोग के एक बयान में कहा गया है, ‘‘इन्हें एक साथ कराने का एक बड़ा कारण केंद्रीय बलों के आवागमन में सुगमता और साजो-सामान से जुड़े मुद्दे हैं। ’’
इसमें कहा गया है, ‘‘बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, इस बात पर विचार करते हुए और इसकी प्रक्रिया 29 नवंबर 2020 से पहले पूरा करने की जरूरत को लेकर, आयोग ने यह सभी 65 उपचुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव लगभग एक ही समय कराने का फैसला किया है बिहार विधानसभा चुनाव और इन सभी उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा आयोग द्वारा उपयुक्त समय पर की जाएगी। ’’
उपचुनाव कराने के विषय पर आयोग की बैठक में चर्चा हुई। बयान में कहा गया है, ‘‘आयोग ने कई संबद्ध राज्यों के मुख्य सचिवों एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्टों एवं उनसे मिली सूचनाओं की समीक्षा की, जिनमें उन्होंने कुछ स्थानों पर असामान्य रूप से अत्यधिक बारिश होने और महामारी जैसी अन्य बाधाओं सहित कई कारणों के मद्देनजर उपचुनाव टालने का अनुरोध किया था।’’
एक अधिकारी ने बताया कि आयोग ने विभिन्न पहलुओं पर गौर करने के बाद यह फैसला लिया है। छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, और पश्चिम बंगाल में विधानसभा की एक-एक सीट रिक्त है। असम, झारखंड, केरल, नगालैंड, तमिलनाडु और ओडिशा में दो-दो, जबकि मणिपुर में पांच, गुजरत और उत्तर प्रदेश में आठ-आठ सीटें (विधानसभा की) रिक्त हैं। इस साल जुलाई में चुनाव आयोग ने लोकसभा की एक सीट और विधानसभाओं की सात सीटों पर उपचुनाव मॉनसून के आगमन और बाढ़ की संभावना तथा कोविड-19 महामारी के चलते छह महीने की समय सीमा से आगे टाल दिया था।