
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा IIMR और बीज उत्पादन केंद्र को बिहार से कर्नाटक स्थानांतरित करने पर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "अगर बिहार के सीएम को इसकी जानकारी थी, तो क्या उन्होंने पीएम और कृषि मंत्री से बात की? उनका (NDA) बिहार से पलायन को रोकने का कोई इरादा नहीं है। वे इसे बढ़ावा देने की तैयारी कर रहे हैं। यहां तक कि गिरिराज सिंह ने भी मेरे ट्वीट करने के बाद ही इस बारे में बात की। भाजपा के किसी भी व्यक्ति ने इस कदम का विरोध नहीं किया। बिहार को 'पैर-पकड़ुआ मुख्यमंत्री' की जरूरत नहीं है। बिहार को एक ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है, जिसके पास एक विजन हो और जो निडर होकर बिहार को आगे ले जा सके। यह डबल इंजन सरकार की हकीकत है। नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी के अलावा किसी चीज की परवाह नहीं है।"
लैंड फॉर जॉब केस में आज लालू से पूछताछ
दूसरी तरफ 'लैंड फॉर जॉब' केस में पूछताछ के लिए RJD सुप्रीमो लालू यादव अपनी बेटी मीसा भारती के साथ ED दफ्तर पहुंचे हैं। वहीं, RJD के कार्यकर्ता लालू यादव की पेशी के विरोध में ED दफ्तर के पास प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि 'लैंड फॉर जॉब' केस लालू के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान का है। उनपर रेल मंत्री रहते 2024 से लेकर 2009 तक नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी 'लैंड फॉर जॉब' केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को ED के समक्ष पेश हुए थे।
'लैंड फॉर जॉब' घोटाला क्या है?
दरअसल लालू प्रसाद यादव यूपीए 1 सरकार में साल 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री थे। इस दौरान लालू के सत्ता में रहते हुए रेलवे में ग्रुप डी की भर्तियां निकाली गईं। इसी भर्ती में लालू पर धांधली का आरोप है। दरअसल लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी देने के बदले घूस के रूप में लोगों की जमीन ली। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, लालू परिवार की 7 जगहों पर जमीनें मिली हैं। लालू परिवार पर 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। बता दें कि यह पूरा घोटाला रेलवे की भर्ती से ही संबंधित है। सीबीआई द्वारा इस मामले में लालू के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी केस दर्ज किया गया है। वहीं लालू पर परिजनों के नाम पर नौकरी के बदले बतौर रिश्वत लोगों की जमीनें लेनने का आरोप है। लालू पर यह आरोप भी है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए बिना कोई विज्ञापन जारी किए रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी।