बिहार के लिए जहरीली और नकली शराब बहुत बड़ी सिरदर्दी बनी हुई है। इस शराब के सेवन करने से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल दिसंबर में ही जहरीली शराब के सेवन से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। उस वक्त सरकार और प्रशासन ने शराब और तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया था। मामला गर्म रहने तक कार्रवाई की गई, लेकिन वक्त के साथ तस्कर फिर से सक्रिय हो गए। जिसका नतीजा यह हुआ कि अब सिवान जिले में जहरीली शराब ने तांडव मचाया है।
बिहार पुलिस ने बताया है कि सिवान में मिलावटी शराब के पीने से 11 प्रभावित व्यक्तिओं में 5 की मृत्यु हो गई है। इसके अलावा अन्य व्यक्तियों का सदर अस्पताल सिवान में इलाज किया जा रहा है। इस मामले में अबतक 16 व्यक्तिओं की गिरफ़्तारी की गई है। पुलिस ने कहा कि मामले को लेकर सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
वहीं इस मामले को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि पुलिस ने कार्रवाई की है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बिहार की सीमाओं पर तैनात पुलिस अधीक्षकों (SP) का तबादला किया है। दूसरे राज्यों के मुकाबले बिहार में अपराध घटा है।
आपको बता दें कि छपरा-सीवान जहीरीली शराब कांड में बीजेपी ने 100 से ज्यादा लोगों की मौत के दावे किए थे। इस पर बिहार में खूब सियासत हुई थी। विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ था। पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की थी जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया था। उन्होंने विधानसभा शुरुआती जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने कुछ केमिकल डालकर शराब को तैयार किया था जिसके चलते लोगों की मौत हुई थी।
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