पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों सुपर एक्टिव मोड में हैं और अपने मंत्रियों से लेकर विभागों के अफसर के दफ्तरों पर धावा बोल रहे हैं। मंगलवार को भी सीएम नीतीश ने देर से आने वाले मंत्रियों और विभाग के अधिकारियों को नसीहत दी। नीतीश की सरप्राइज विजिट के दौरान जेडीयू कोटे के मंत्री तो ड्यूटी पर मिले लेकिन आरजेडी या दूसरे दलों के कोटे के मंत्री मौजूद नहीं मिले जिससे सीएम नीतीश दूसरे दलों के कोटे के मंत्रियों से नाराज हैं। इधर नीतीश की सरप्राइज विजिट को सियासी एक्सरसाइज के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, I.N.D.I.A. गठबंधन के नेता चुनने में हो रही देरी के बीच सीएम नीतीश के एक बार फिर पाला बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं।
मंत्रियों के दफ्तर पर मुख्यमंत्री का धावा
सीएम नीतीश की सरप्राइज विजिट में उनके आधा दर्जन मंत्री में सिर्फ एक मंत्री वहां मौजूद मिले। मंगलवार को नीतीश कुमार सुबह 9.30 बजे सचिवालय पहुंचे थे जहां सबसे पहले वो विकास भवन में निरीक्षण करने पहुंचे और शिक्षा विभाग का जायज़ा लिया। लेकिन इस दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर वहां नहीं थे। सीएम से वहां मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि मंत्री जी अभी नहीं आए हैं। मुख्यमंत्री ने हैरानी जताई। इसके बाद नीतीश ने साथ चल रहे अधिकारी से शिक्षा मंत्री को फोन लगाने को कहा। शिक्षा मंत्री जैसे ही मुख्यमंत्री की लाइन पर आए, नीतीश ने कहा कि मैं आपके विभाग में घूम रहा हूं। आप कहां हैं। नीतीश ने उन्हें नसीहत वाले अंदाज में कहा कि आप क्यों नहीं हैं दफ्तर में? यह भी कहा कि हम यहां घूम रहे हैं और आप बाहर हैं, समय पर आया कीजिए।
शिक्षा मंत्री की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक के कक्ष की ओर गए। वहां पता चला कि वह दिल्ली गए हुए हैं। तब वह फिर शिक्षा विभाग के एक अन्य अधिकारी बैद्यनाथ यादव के कक्ष की ओर बढ़े। वह भी उस समय तक नहीं पहुंचे थे। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग पहुंचे और वहां निरीक्षण किया, लेकिन वहां भी उन्हें विभाग के अपर मुख्य सचिव नहीं मिले।
क्या फिर पाला बदलेंगे नीतीश?
सीएम नीतीश के अचानक एक्टिव होने की वजह सियासी बताई जा रही है क्योंकि सीएम के सरप्राइज विजिट में जेडीयू के मंत्री कम और आरजेडी के मंत्री ज्यादा लेट लतीफ पाए गए। ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश एक बार फिर पाला बदलने के बहाने ढूंढ रहे हैं।
इससे पहले भी 25 सितंबर को भी नीतीश कुमार कैथल में हुई INDLD की मीटिंग में नहीं पहुंचकर पटना में दीन दयाल उपाध्याय की जयंती में शामिल हुए थे जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं नतीश के लिए I.N.D.I.A. दूर और NDA पास तो नहीं दिखने लगा।
'नीतीश के लिए BJP के दरवाजे बंद'
जिस कैथल की रैली में नहीं जाने की घटना को सीएम नीतीश छोटी बात बता रहे थे, उस प्रोग्राम में नीतीश कुमार मुख्य मेहमान थे और इसे गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा था क्योंकि चर्चा थी कि इसी रैली में INLD इंडी एलायंस का हिस्सा बन सकता था लेकिन नीतीश ने रैली से किनारा कर लिया। INDIA की बैठक से दूरी और दीनदयाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण को नीतीश के बीजेपी प्रेम से जोड़ कर देखा जा रहा है लेकिन बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार के लिए अब बीजेपी में वापसी के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं।
'NDA में जाने की चर्चा बेकार की बातें'
वहीं, नीतीश भले ही एनडीए में जाने की बातों को बेकार करार दे रहे हैं लेकिन उनके पाला बदलने की चर्चा 15 दिनों के भीतर दो प्रोग्राम में उपस्थित रहने के बाद हो रही है क्योंकि जी-20 के डिनर में सीएम नीतीश दिल्ली आए थे। उनकी पीएम मोदी से अच्छे माहौल में मुलाकात हुई थी। वहीं 25 सितंबर को देवीलाल की जयंती छोड़ कर दीनदयाल उपाध्याय की जयंती में शामिल हुए थे। ये सब कयास हैं लेकिन कहते हैं कि बिना आग के धुआं नहीं उठता तो कुछ न कुछ तो जरूर पक रहा है जिसकी वजह से नीतीश के फिर से पाला बदलने की बातें हो रही हैं। अब इसमें कितना दम है ये तो आने वाले समय में ही साफ होगा।
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