बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। बिहार सरकार के गृह विभाग से जुड़ी एक चिट्ठी सामने आई है जिससे पता चला कि नीतीश कुमार की जान को खतरा है। जानकारी मिली है कि नीतीश कुमार के पिछले दिनों हुए सीतामढ़ी दौरे से पहले डीएम और एसपी ने विभाग को एक चिट्ठी जारी कर सुरक्षा इंतजाम काफी कड़े रखने के निर्देश दिए थे। उस चिट्ठी में सीएम को खतरे वाली बात का जिक्र किया गया था।
डीएम और एसपी की ओर से जारी हुआ था पत्र
सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर 2018 में स्पेशल ब्रांच की ओर से पुलिस और प्रशासन को लिखी एक चिट्ठी की बातों का भी जिक्र था, जिसके मुतातिक सीएम नीतीश कुमार को नक्सलियों के अलावा आपराधिक गिरोहों से जान का खतरा है। नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर डीएम और एसपी की ओर से जारी पत्र में लिखा गया था कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। इस पत्र के मुताबिक, मुख्यमंत्री को ज़ेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है और वे एएसएल प्रोटेक्टी हैं। साथ ही उन्हें बिहार विशेष सुरक्षा दल अधिनियम के तहत भी सुरक्षा दी गई है। मुख्यमंत्री के आगमन और प्रस्थान के समय एक्सेस कंट्रोल पर विशेष नजर रखने के आवश्यकता है। इसी के साथ फर्जी पहचान पत्र पर संदिग्ध व्यक्ति विशिष्ट व्यक्तियों के समूह में शामिल हो सकते हैं। इसलिए विशेष शाखा के पदाधिकारी सही पहचान पर ही किसी व्यक्ति को अंदर जाने देने की दें।
उग्रवादी संगठनों और आपराधिक गिरोहों से खतरा
जिला और पुलिस प्रशासन के इस पत्र में लिखा है कि सीएम को CPI माओवादी के साथ दूसरे उग्रवादी संगठनों और आपराधिक गिरोहों से भी गंभीर खतरा बना हुआ है। नक्सल प्रभावित जिले में लैंड माइंस और रिमोट संचालित IED के इस्तेमाल से संबंधित घटनाएं पहले हो चुकी हैं, जिसकी वजह से नक्सल/माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बारुदी सुरंग विस्फोट की घटनाओं को देखते हुए उनकी यात्रा और रुकने वाली जगहों पर विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। बिहार सरकार द्वारा जारी इस आधिकारिक आदेश के अनुसार, हाल ही में घटित नक्सली गतिविधियों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा के कड़े इंतजाम की आवश्यकता है। यह ऑर्डर मुजफ्फरपुर में भ्रमण कार्यक्रम के संबंध में था।
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