Highlights
- समाज सुधार अभियान से नफरत है तो चले जाइए-नीतीश
- कुछ लोग हमारी बात सुन रहे हैं और कुछ लोग हो, हो कर रहे हैं-नीतीश
- शराब पीना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है-नीतीश
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूं तो आमतौर पर बेहद शांत स्वभाव के नेता माने जाते हैं लेकिन बुधवार को समाज सुधार अभियान के तहत मुजफ्फरपुर में जनसभा को संबोधित करने के दौरान हुए हंगामे को लेकर भड़क गए। हंगामा करने वालों की ओर कैमरे घुमाए जाने परउन्होंने कहा कि "मीडिया वाले किधर जा रहे हैं? क्या आप लोगों को समाज सुधार अभियान से नफरत है, अगर नफरत है तो चले जाइए यहां से।" मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अपने समाज सुधार अभियान के तहत मुजफ्फरपुर पहुंचे। इस दौरान वे एक सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी सभा में ही कुछ लोग हंगामा करने लगे।
यहां से चले जाइए बाहर
इसी दौरान जब मीडिया वालों की नजर जनसभा स्थल की ओर गई और वे वहां जाने लगे, तभी मुख्यमंत्री भड़क गए। उन्होंने कहा, "ये मीडिया वाले किधर जा रहे हैं? क्या आप लोगों को समाज सुधार अभियान से नफरत है, अगर नफरत है तो यहां से चले जाइए बाहर।"
कौन क्या बोलता है, बोलने दीजिए
उन्होंने आगे कहा कि कौन क्या बोलता है, बोलने दीजिए। आदमी का स्वभाव क्या 100 प्रतिशत ठीक हो नहीं हो सकता है। कुछ लोग हमारी बात सुन रहे हैं और कुछ लोग हो, हो कर रहे हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि जिन्हें समाज सुधार से जरूरत नहीं उन्हें यहां आने की कोई जरूरत नहीं।
शराब पीना मौलिक अधिकार नहीं
इस दौरान मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को लेकर कहा कि शराब पीना किसी को मौलिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब इतनी बुरी चीज है, इसके संबंध में विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जा रही है। उन्होंने लोगों से इसके लिए जागरूकता फैलाने का आह्वान करते हुए कहा कि लोगों को इसके प्रति सचेत कीजिए।
विकास के साथ समाज सुधार होगा
उन्होंने महिलाओं से भी शराब पीने वालों और इसे लेकर गड़बड़ करने वालों के चारों तरफ खड़ा होकर नारा लगाने की सलाह दी। उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन को भी देने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा।
इनपुट-आईएएनएस