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बिहार: छपरा जहरीली शराब कांड का हुआ खुलासा, होम्योपैथिक दवा से बनाई थी दारू

भाजपा का दावा है कि बिहार शराब त्रासदी में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस मामले में अब बहुत बड़ा खुलासा हुआ है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Dec 23, 2022 19:38 IST, Updated : Dec 23, 2022 19:38 IST
बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड
Image Source : FILE PHOTO बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड

बिहार में जहरीली शराब कांड में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। बिहार सरकार ने जहरीली शराब त्रासदी में 38 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। हालांकि भाजपा का दावा है कि इस त्रासदी में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस मामले में अब बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। सारण पुलिस के कप्तान संतोष कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि ये जहरीली शराब होम्योपैथिक दवा के मिश्रण से बनाई गई थी। इतना ही नहीं पुलिस ने सैकड़ो की संख्या में होम्योपैथिक दवा की बोतलें जप्त की हैं। बता दें कि होम्योपैथिक दवा की बोतलें बिहार में पूरी तरह बैन हैं।

शराब कांड में मृतकों को मुआवजा देने से इंनकार

बिहार उत्पाद एवं मद्यनिषेध मंत्री सुनील कुमार ने भाजपा की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि दी जाए। मंत्री ने कहा, ‘‘न तो आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) और न ही सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) में किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति को मुआवजे का प्रावधान है। बिहार में मद्यनिषेध कानून के तहत किसी भी प्रकार की शराब का सेवन अवैध है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘2016 में गोपालगंज में एक जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा मामले में दोषी लोगों से की गई वसूली के माध्यम से प्रदान की गई थी। यह कानून के तहत प्रावधान है। सरकार इस मामले में तुरंत अनुग्रह राशि जारी नहीं कर सकती। 

"मुआवजा शराबबंदी के उद्देश्य को विफल करेगा"
उल्लेखनीय है कि मुआवजे का मुद्दा सदन के भीतर विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया था और मुख्यमंत्री के ‘‘पियोगे तो मरोगे’’ टिप्पणी की आलोचना की थी। मुख्यमंत्री ने विपक्ष सहित सरकार का समर्थन कर रहे वामदलों माकपा और भाकपा माले की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि मुआवजा शराबबंदी के उद्देश्य को विफल कर देगा जिसे राज्य की महिलाओं की मुखर मांग के बाद सभी दलों के बीच आम सहमति से किया गया था। भाकपा माले का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से विधानसभा परिसर में आज उनके कक्ष में मिला। नीतीश कुमार ने वामपंथी विधायकों से मांग उठाने से परहेज करने को कहा। उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा द्वारा बिछाए गए जाल में फंसने के समान होगा। 

 

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