Highlights
- बिहार में होगी जातीय जनगणना, उपजातियों की भी होगी गिनती
- जातीय जनगणना करने वालों को दी जाएगी ट्रेनिंग
- 500 करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च की संभावना
Bihar Caste Census: बिहार सरकार अपने संसाधन से राज्यभर में जातीय जनगणना कराएगी। बिहार मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में इससे संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 12 प्रस्तावों की मंजूरी दी गई। बैठक के बाद बैठक की जानकारी देते हुए मुख्य सच्ची आमिर सुबहानी ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में जातीय जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
500 करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च की संभावना
उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर से जातिगत जनगणना कराएगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है जबकि सभी जिले के जिलाधिकारी जिले के नोडल पदाधिकारी होंगे। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को कराने में 500 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2023 तक इस कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दौरान आर्थिक सर्वेक्षण करने का भी प्रयास किया जाएगा।
'तय समय में पूरी होगी जातीय गनगणना'
नीतीश कुमार ने कहा है कि तय समय में जातीय गनगणना पूरी होगी। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों की जातियों की गिनती होगी और उपजातियों की भी गिनती कराई जाएगी। कैबिनेट के माध्यम से समय सीमा तय की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को सर्वदलीय बैठक में राज्य में जातीय जनगणना कराने को लेकर सभी दलों ने सहमति दी थी।
गौरतलब है कि जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य की सर्वदलीय समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने गया था। इस परिस्थिति में देश में जातीय जनगणना कराने में असमर्थता जताने के बाद नीतीश कुमार ने राज्य में जातीय जनगणना कराने की घोषणा की थी।