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Bihar: CAG की रिपोर्ट ने खोली नीतीश सरकार की पोल, किया बड़े 'गड़बड़झाले' की ओर इशारा

Bihar: CAG की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2021 तक नीतीश सरकार ने 92 हजार 687 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया है। यही नहीं, 2004-05 के बाद पहली बार 11,325 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व का घाटा हुआ है।

Written By: Sudhanshu Gaur
Published : Jul 01, 2022 13:30 IST, Updated : Jul 01, 2022 13:36 IST
Bihar CM Nitish kumar
Image Source : INDIA TV FILE Bihar CM Nitish kumar

Highlights

  • डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने सदन में CAG की रिपोर्ट पेश की
  • रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में 29827 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा
  • हालांकि राजस्व प्राप्ति में 3.17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है

Bihar CAG: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र इस बार खूब हंगामेदार और रोचक रहा। इस सत्र में एक दल ने अपने विधायकों की संख्या में इजाफा किया तो वहीं एक दल की विधायक टूट गए। राष्ट्रीय जनता दल ने चार विधायक जुड़े और चरों विधायक ओवैसी की पार्टी AIMIM से टूटे। RJD के अब 80 विधायक हो गए हैं और वहीं AIMIM का केवल एक ही विधायक ही रह गया है। मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन में CAG का रिपोर्ट पेश की गई। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने सदन में यह रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में नीतीश कुमार की सरकार को लेकर एक बड़ा खुलासा किया गया है।  

सदन में पेश CAG की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2021 तक नीतीश सरकार ने 92 हजार 687 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया है। यही नहीं, 2004-05 के बाद पहली बार 11,325 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व का घाटा हुआ है। आसान शब्दों में कहें तो RJD की राबड़ी देवी सरकार के बाद नीतीश कुमार की सरकार में पहली बार बिहार को इतना बड़ा राजकोषीय घाटा का सामना करना पड़ा रहा है।

पिछले साल की तुलना में घाटा 15,103 करोड़ बढ़ा 

सदन में पेश CAG की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष  2020-21 में 29827 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा दर्ज किया गया है। यह पिछले साल की तुलना में 15,103 करोड़ बढ़ गया है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य को 2004-05 के बाद दूसरी बार 11,325 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व घाटा का सामना करना पड़ा है।

हालांकि राजस्व प्राप्ति में 3.17 फीसदी की वृद्धि

CAG की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य का प्राथमिक घाटा वर्ष 2019-20 में 3,733 करोड़ रुपए था। लेकिन साल 2020-21 में यही घाटा बढ़कर 17,343 करोड रुपए हो गया। वहीं पिछले वर्ष की तुलना में साल 2020-21 में राजस्व प्राप्ति में 3.17% की वृद्धि हुई है। इस हिसाब से पिछले साल की तुलना में कुल 3,936 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, राजस्व व्यय में 10.69 फीसदी यानी 13,476 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। 2020-21 में पूंजीगत व्यय पिछले वर्ष की तुलना में 5,905 करोड़ रुपए ( 47.99 फीसदी ) की वृद्धि हुई।

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