मंगलवार को बिहार सरकार के मंत्रीपरिषद की बैठक पटना में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के परिवहन, स्वास्थ्य समेत कई मामलों पर अहम निर्णय लिए गए हैं। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव, डॉ० एस० सिद्धार्थ ने सूचना भवन के प्रथम तल स्थित सभा कक्ष में प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि परिवहन विभाग के अन्तर्गत राज्य में अब 400 इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन किया जाएगा। आइए जानते हैं मंत्रीपरिषद की बैठक में लिए गए कुछ अहम फैसलों के बारे में।
इन जिलों में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी है कि परिवहन विभाग के तहत बिहार के 6 प्रमुख नगर पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा एवं पूर्णियां नगरों के लिये कुल 400 इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था हेतु "पीएमई-बस सेवा योजना" के अंतर्गत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक परिवहन योजना की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए बिहार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने की नीति को भी स्वीकृति दे दी गई है। इसके अलावा 15 वर्ष पुराने सभी सरकारी वाहनों को स्क्रैपिंग सुविधा की स्वीकृति दी गई।
युवाओ के लिए भी ऐलान
राज्य के पोलिटेकनिक संस्थानों में AI, रोबोटिक्स, इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन, इलेक्ट्रीक वेहिकल, ड्रोन टेक्नोलॉजी आदि की शिक्षा के लिए व्यवस्था करने को भी फंड की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा उद्योग जगत में वर्तमान मांग को ध्यान में रखते हुए विभिन्न संस्थानों में जरूरी कौशल सिखाने के लिए भी फंड की व्यवस्था की गई है।
नए सरकारी पदों का सृजन
मंत्रिपरिषद की बैठक में युवाओं के लिए नए सरकारी पदों का भी सृजन किया गया है। विधि विभाग के अंतर्गत उच्च न्यायालय, पटना की स्थापना में आईटी संवर्ग में 81 पदों के सृजन, दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में विभिन्न कोटि के कुल 33 पदों के सृजन, 13 आवासीय विद्यालयों हेतु वर्ग 09 से 12 तक के विभिन्न कोटि के पदों के सृजन, फिजिकल ट्रेनिंग के लिए कुल 61 पद, पुस्तकालयाध्यक्ष का कुल 76 पद एवं वरीय पुस्तकालयाध्यक्ष के कुल-08 पदों को मंजूरी दी गई है।
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