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बिहार भाजपा ने JDU को दी चेतावनी, 'मर्यादा में रहें, एकतरफा अब नहीं चलेगा'

भाजपा ने सोमवार को जदयू के नेताओं को मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए स्पष्ट कर दिया कि अब एकतरफा नहीं चलेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोमवार को कहा कि सवाल करेंगे तो बिहार में 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता हैं और उन्हें अच्छे से जवाब देना आता है।

Edited by: India TV News Desk
Published : January 17, 2022 15:33 IST
nitish kumar
Image Source : PTI (FILE PHOTO) बिहार भाजपा ने JDU को दी चेतावनी, 'मर्यादा में रहें, एकतरफा अब नहीं चलेगा'

पटना: सम्राट अशोक की औरंगजेब से तुलना और शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल भाजपा और जदयू के नेताओं में तल्खी अब बढ़ती जा रही है। इस बीच, भाजपा ने सोमवार को जदयू के नेताओं को मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए स्पष्ट कर दिया कि अब एकतरफा नहीं चलेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोमवार को कहा कि सवाल करेंगे तो बिहार में 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता हैं और उन्हें अच्छे से जवाब देना आता है। इस दौरान उन्होंने हालांकि किसी भी नेता का नाम नहीं लिया।

जायसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए सोमवार को निशाना साधते हुए कहा कि राजग को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मयार्दाओं का ख्याल रखना चाहिए। यह एकतरफा अब नहीं चलेगा। उन्होंने सख्त लहजे में देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर-ट्विटर ना खेलने की नसीहत देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के गौरव भी हैं और अभिमान भी। उन्होंने कहा, उनसे अगर ट्विटर-ट्विटर खेलकर अगर उनपर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं।

उन्होंने इशारों ही इशारों में सांसद और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधते हुए कहा, आप सब बड़े नेता हैं। फिर इस तरह की बात कहना कि राष्ट्रपति जी द्वारा दिए गए पुरस्कार को प्रधानमंत्री वापस लें, से ज्यादा बकवास कुछ हो ही नहीं सकता। लेखक दया प्रकाश सिन्हा के हम आप से सौ गुना ज्यादा बड़े विरोधी हैं क्योंकि आपके लिए यह मुद्दा बिहार में शैक्षिक सुधार जैसा मुद्दा है जबकि जनसंघ और भाजपा का जन्म ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर हुआ है। हम अपनी संस्कृति और भारतीय राजाओं के स्वर्णिम इतिहास में कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम यह भी चाहते हैं कि बख्तियार खिलजी से लेकर औरंगजेब तक के अत्याचारों की सही गाथा आने वाली पीढ़ियों को बताई जाए।

उल्लेखनीय कि लेखक सिन्हा ने एक साक्षात्कार में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी। भाजपा नेता ने आगे कहा, 74 साल में एक भी घटना नहीं हुई जब किसी पद्मश्री पुरस्कार की वापसी हुई हो। पहलवान सुशील कुमार पर हत्या के आरोप सिद्ध हो चुके हैं, इसके बावजूद भी राष्ट्रपति ने उनका पदक वापस नहीं लिया, क्योंकि पुरस्कार वापसी मसले पर कोई निश्चित मापदंड नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले बिहार सरकार दया प्रकाश सिन्हा को गिरफ्तार करे और फास्ट ट्रैक कोर्ट से तुरंत सजा दिलवाये। उसके बाद बिहार सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति के पास जाकर हम सभी की बात रखें कि एक सजायाफ्ता मुजरिम का पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए।

भाजपा सांसद जायसवाल ने यह भी कहा, बिहार सरकार अच्छे वातावरण में शांति से चले, यह सिर्फ हमारी जिम्मेवारी नहीं बल्कि आप की भी है। अगर कोई समस्या है तो हम सब मिल बैठकर उसका समाधान निकालें। हमारे केंद्रीय नेताओं से कुछ चाहते हैं तो उनसे भी सीधे बात होनी चाहिए। जायसवाल ने आगे यह भी कहा कि हम हरगिज नहीं चाहते हैं कि पुन: मुख्यमंत्री आवास 2005 से पहले की तरह हत्या कराने और अपहरण की राशि वसूलने का अड्डा हो जाए।

(इनपुट- एजेंसी)

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