बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कल्चरल पुलिसिंग और सांस्कृतिक ठेकेदारी करने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप लगाते हुए शनिवार को सवालिया लहजे में कहा गया कि एक महिला कवयित्री से सीएम नीतीश को क्या डर या दिक्कत है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने बिहार सरकार द्वारा सोनपुर मेले के दौरान आयोजित कवि सम्मेलन का हवाला देते हुए बताया कि एक महीने पहले देशभर के नामी-गिरामी व लोकप्रिय कवियों को अनुबंधित किया गया था और उन्हें आयोजन के लिए पटना बुलाया गया था।
लेकिन, सोनपुर मेला स्थित कवि सम्मेलन के आयोजन स्थल पर पहुंचते ही आयोजकों ने देश की लोकप्रिय कवयित्री अनामिका जैन अंबर को कविता पाठ करने से यह कहते हुए रोक दिया कि ऊपर से सरकार का आदेश है। बाद में अनामिका जैन के समर्थन में सभी आगंतुक कवियों ने कविता पाठ करने से मना कर दिया और बिना कवि सम्मेलन में भाग लिए बैरंग वापस लौट गए।
निखिल आनंद ने कहा की कार्यक्रम स्थगित करना अलग बात है लेकिन कवियों को बुलाकर नीतीश कुमार की कुंठा संतुष्टि के लिए उनको अपमानित कर बेइज्जत किया गया। यही नहीं बिहार सरकार द्वारा 'अतिथि देवो भव' के संस्कार और संस्कृति को भी नीतीश कुमार की आत्म संतुष्टि के लिए तिलांजलि दे दी।
निखिल आनंद ने मुख्यमंत्री से पूछा कि एक महिला कवयित्री से नीतीश को क्या डर है। उन्होंने सवाल किए कि क्या नीतीश कुमार जी सभी आगंतुक कवियों के अपमान और बेइज्जती के लिए पत्र लिखकर व्यक्तिगत तौर पर माफी मांगेंगे?