पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन है। इस दौरान नियक के मुताबिक स्पीकर की तरफ से पिछले कुछ महीनों मे विधानसभा सदस्यों के निधन की जानकारी दिए जाने के बाद शोक प्रकट किया जाता है। लेकिन शोक प्रस्ताव के दौरान माले (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने सदन में फिलिस्तीन का मामला उठाया। बीजेपी सदस्यों ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की लेकिन पूरे शोक प्रस्ताव के दौरान महबूब आलम बोलते रहे।
बीजेपी और जेडीयू ने माले विधायक को कहा आतंकवादी
दरअसल, बिहार विधानसभा में शोक प्रस्ताव के दौरान माले विधायक दल के नेता महबूब आलम की तरफ से फिलिस्तीन में मारे गए लोगों के प्रति भी शोक व्यक्त किए जाने की मांग की गई। इस बात पर विधानसभा में हंगामा हो गया। शोक प्रस्ताव के बाद सदन कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में हुए इस प्रकरण को लेकर बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने माले के विधायकों को आतंकवादी कहा। उनका कहना है कि आज तक सदन में ऐसा नहीं हुआ। इसपर स्पीकर को कार्रवाई करनी चाहिए, ये तुष्टिकरण की राजनीति है।
वहीं इस मामले पर जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने भी कहा है कि आतंकवादियों का साथ देने वाले को फिलिस्तीन भेज देना चाहिए। अपने खर्च पर भेजूंगा। आतंकियों का साथ देने वाला आतंकी ही हो सकता है।
हमास आतंकी संगठन नहीं है- महबूब आलम
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव के दौरान फिलिस्तीन मे मारे गए लोगों के प्रति भी शोक व्यक्त करने की मांग करने वाले माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि हमास आतंकी संगठन नहीं है। मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा। वहां निर्दोष मारे जा रहे हैं। भारत सरकार ने भी हमास को आतंकी संगठन नहीं माना है।
हमास नहीं, आपलोग आतंकी हैं- राजद विधायक
वहीं इस मामले पर राजद विधायक निहालूद्दीन ने महबूब आलम का साथ दिया और बीजेपी की तरफ से आतंकवादी कहे जाने पर नाराज हो गए। उन्होंने तो पत्रकारों को ही आतंकवादी कह दिया। निहालूद्दीन ने कहा कि विधानसभा हो या लोकसभा, हर जगह शोक प्रकट करना चाहिए। हमास आतंकी नहीं है, आपलोग आतंकवादी हैं।
ये भी पढ़ें-
सलून में बाल कटा रहा था युवक, गिरोह ने आकर गंडासे से किया अंधाधुंध हमला; CCTV में हुआ कैद
यूपी रोडवेज की एक तस्वीर ऐसी भी: पत्नी के हाथ में बस की स्टेयरिंग, पति काटते हैं यात्रियों के टिकट