नीट यूजी पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। मामले में सीबीआई ने पहली FIR भी दर्ज कर ली है। इस बीच बिहार में पटना के खेमनीचक इलाके के जिस लर्न प्ले स्कूल के मकान में पेपर लीक हुआ था वहां से एक बड़ी खबर सामने आई है। उस घर के मकान मालिक प्रभात कुमार के मुताबिक वे स्कूल वाले मकान में नहीं रहते हैं। उन्होंने अपना मकान किराएदार आशुतोष के भरोसे ही छोड़ रखा है। मकान मालिक ने बताया कि नीचे के हिस्से में भी आशुतोष ही किराया लगवाता रहा है। प्रभात खुद स्कूल से करीब 30km दूर दानियावां में रहते हैं। बता दें कि ये वही है मकान जिसमें परीक्षार्थियों को रखा गया था, जहां प्रश्नपत्र लीक हुआ था।
मालिक और किराएदार दोनों जानते हैं को
किरएदार आशुतोष ने बताया कि मनीष नामक शख्स ने परीक्षार्थियों तो ठहरवाया था। मनीष को मकान मालिक और किराएदार दोनों जानते हैं। किरएदार ने बताया कि मनीष बीमा एजेंट है वह इंश्योरेंस का काम करता है। किरएदार से मिली जानकारी के अनुसार मनीष केवल उसका मित्र है। किराएदार ने बताया कि उसने मनीष प्रकाश को किसी मध्यम नाम के लड़के से परीक्षार्थियों के बारे में बातचीत करते सुना था। किराएदार ने बताया कि मनीष पूरी रात वहीं रुका था।
'...पर मां ने हैरानी जताई'
प्रभात के दनियावां स्थित घर से करीब 5 km दूरी पर सिगरियावां गांव में मनीष का घर होने की जानकारी मिलने के बाद उसकी तलाश में उसके गांव गए। घर का दरवाजा खतखटाया तो मनीष प्रकाश की मां निकली और उन्होंने कहा कि मनीष पटना में रहता है। मनीष की मां ने बताया उसे टीवी से पता चला है लेकिन उसे इसके बारे में कुछ नहीं मालूम है। मनीष पटना में किसी NGO में काम करता है। बिना मकान मालिक की सहमति के किराएदार के बच्चों को रख लेने पर मां ने हैरानी जताई। मनीष के बाद मध्यम के घरवाले इधर उधर की बातें करते रहे। छिपाने की कोशिश की।
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