बिहार के भागलपुर जिले में एक छात्र ने कम नंबर आने पर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने वाले छात्र को अर्धवार्षिक परीक्षा में कम नंबर मिले थे। इसके बाद उसने यह खौफनाक कदम उठाया है। मृतक नाबालिग 10वीं कक्षा का छात्र था। उसने रविवार को अपने घर पर पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतक छात्र की पहचान सोमिल राज के रूप में हुई है, जबकि उसके पिता का नाम राजीव कुमार सिंह है। अधिकारी ने बताया कि सोमिल के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि सोमिल राज अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं में प्राप्त अंकों से खुश नहीं था। पुलिस अधिकारी के अनुसार, लड़के ने आत्महत्या कहलगांव थाना अंतर्गत आनंद विहार कॉलोनी स्थित अपने आवास पर की।
भागलपुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने अपने पोस्ट में लिखा "आज दिनांक- 08.12.24 को कहलगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर-03 आनंद विहार कॉलोनी के रहने वाले राजीव कुमार सिंह के 16 वर्षीय पुत्र सोमिल राज ने लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में कहलगांव थाना की पुलिस के द्वारा आवश्यक विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है।"
रिवॉल्वर और मृतक का फोन जब्त
कहलगांव थाने के प्रभारी देव गुरु ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रिवॉल्वर और मृतक का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। जांच की जा रही है।’’ थाना प्रभारी ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उक्त कदम उठाने से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों को संदेश भेजा था कि वह आत्महत्या करने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वह स्कूल की अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मिले अंकों से खुश नहीं था। तीन विषयों में उसे 50 प्रतिशत से कम अंक मिले थे। मामले की जांच की जा रही है।’’
हर दिन 35 छात्र कर रहे आत्महत्या
स्टूडेंट सुसाइड- एन एपिडेमिक स्वीपिंग इंडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में हर दिन 35 छात्र सुसाइड कर रहे हैं। साल 2018 से 2022 तक देश में 59,153 छात्रों ने आत्महत्या कर अपना जीवन खत्म कर लिया। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में 15 से 24 साल का हर 7 में से एक आदमी खराब मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझ रहा है। इनमें से सिर्फ 41 फीसदी लोग ही किसी डॉक्टर की सलाह लेते हैं। अधिकतर लोग इस परेशानी के समाधान के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। छात्रों के बीच आत्महत्या की दर तेजी से बढ़ रही है। इसकी बड़ी वजह खराब मेंटल हेल्थ है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)