बिहार: चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है। जिन 48 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से चार सीटें बिहार की भी शामिल हैं। बिहार की बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी, इन चार सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। बता दें कि 13 नवंबर को ही झारखंड में पहले चरण की भी वोटिंग है। झारखंड, महाराष्ट्र के साथ उपचुनाव की सभी 48 सीटों की मतगणना भी उसी दिन होगी और रिजल्ट भी उसी दिन घोषित होंगे।
कौन सी सीट, क्यों हुई खाली?
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले इन चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी ताकत दिखाने की पूरी कोशिश करेंगी। बिहार की उन चार सीटों पर उपचुनाव होंगे जिनके नेता सांसद चुन लिए गए थे। उनके नाम हैं सुदामा प्रसाद, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव और जीतन राम मांझी। सुदामा प्रसाद तरारी सीट से विधायक थे, सुधाकर सिंह रामगढ़, सुरेंद्र यादव बेलागंज और जीतन राम मांझी इमामगंज से विधायक थे। इनके सांसद चुन लिए जाने के कारण खाली पड़ी चार सीटों पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं।
कौन कहां से लड़ेगा चुनाव
इन चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक तरफ जहां महागठबंधन जीत के लिए अपना पूरा दमखम लगा देगी तो वहीं एनडीए को भी इस बार अपनी जीती सीटों की संख्या बढ़ानी होगी। महागठबंधन ने तीन सीटें जीती थीं तो वहीं एनडीए के हिस्से एक सीट आई थी। इन चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन की साख दांव पर है। महागठबंधन की ओर से 3 सीट पर आरजेडी तो एक पर भाकपा (माले) चुनाव लड़ेगी तो वहीं, एनडीए से बीजेपी 2, जेडीयू और हम 1-1 सीट पर चुनाव लड़ सकती हैं।
जनसुराज भी चुनावी मैदान में
राजनीतिक रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर की नई नवेली पार्टी जनसुराज भी इस उपचुनाव के जरिए पहली बार चुनाव मैदान में उतरेगी और इन चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। बुधवार को जनसुराज चारों उम्मीदवारों का ऐलान कर देगी। कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में दोनों गठबंधन भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देंगे।