बिहार के नालंदा से जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बिहारशरीफ में हुए सांप्रदायिक हिस्सा के लिए बजरंग दल को जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने यह पूछा कि क्या बिहार में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। नीतीश कुमार इस सवाल का जवाब देने से बचते नजर आए। दरअसल उनकी ही पार्टी के सांसद द्वारा बजरंग दल को लेकर की गई मांग के आधार पर सीएम से यह सवाल किया गया था। गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने का वादा किया है।
क्या बिहार में बजरंग दल पर लगेगा प्रतिबंध?
नालंदा से जदयू के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने हाल ही में जारी अपने बयान में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से संबंद्ध विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया था। मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि हम सबी विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में काम कर रहे हैं। एक बार जब यह हासिल हो जाएगा तो सभी दल एक साथ बैठक करेंगे और साझा एजेंडा लेकर आएंगे। तब तक मैं ऐसे मामलों पर बोलना नहीं चाहता। हालांकि एक खबर आई थी कि नीतीश कुमार ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मिलने जाएंगे। इस बाबत नीतीश कुमार ने आश्चर्य व्यक्त किया। बता दें कि नीवन पटनायक भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं।
विपक्षी एकता अभियान फिर शुरू करेंगे नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद विपक्षी एकता अभियान को वे फिर शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत मैंने कई नेताओं से मुलाकात की है और कई लोगों से मिलूंगा। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर कहा कि उनके नेतृत्व में हमने काम किया है। ये लोग अब अटल बिहारी वाजपेयी जी के काम को भी याद नहीं कर रहे हैं। उनके वक्त कभी भी हिंदू मुस्लिम का झंझट नहीं हुआ था। विपक्ष के लोग भी उनसे खुश थे। सबलोग मिलकर काम करते थे।