पटना: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने परिहार कानून में संशोधन किया है। परिहार कानून में हुए इस संशोधन का लाभ आनंद मोहन को मिलेगा। बता दें कि 10 अप्रैल को नीतीश सरकार ने बिहार राज्य कारा हस्तक 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन किया है। कारा हस्तक 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन के बाद सरकारी सेवक की हत्या के दोषी की रिहाई के मामले में अब इसे एक साधारण हत्या माना जाएगा।
डीएम की हत्या के मामले में हुई थी सजा
कानून के संशोधन के बाद अब इस तरह के मामले में दोषियों की जेल से रिहाई के लिए बिहार सरकार के आदेश की जरूरत नहीं होगी। जेल में सजा की अवधि पूरी होने के बाद खुद ही सामान्य रिहाई के प्रावधानों के तहत रिहाई हो जाएगी। आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन DM जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं और वह जेल में 14 साल बिता चुके हैं। हालांकि सरकारी सेवक की हत्या का दोषी होने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी, जो कि कानून में संशोधन के बाद संभव हो गई है।
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2007 में दोषी ठहराए गए थे आनंद मोहन
बता दें कि 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन DM जी कृष्णैया की गोली मारकर हत्या हुई थी। हत्या के इस मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी। आनंद मोहन को साल 2007 में इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी। 2008 में पटना हाई कोर्ट की ओर से ही इस सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया। आनंद मोहन पिछले 4 महीने में 3 बार पेरोल पर बाहर आए हैं। वह अभी भी अपने बेटे और RJD के विधायक चेतन आनंद की सगाई के लिए परोल पर बाहर हैं।