बिहार के नालंदा का सदर अस्पताल आये दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है। कभी डॉक्टर लापता, तो कभी मरीजों से इलाज के नाम पर अवैध धन उगाही की खबरें आती रहती हैं। शनिवार रात अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड एवं एसएनसीयू वार्ड में बिजली गुल हो गई। इस बीच, मरीज भीषण गर्मी का सामना करते रहे। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड व एसएनसीयू वार्ड में करीब एक घंटे तक बिजली की आपूर्ति ठप रही।
इनवर्टर और जेनसेट का हाल?
यह हालत तब है, जब मिशन 60 के तहत अस्पतालों को अपग्रेड किया गया है। अस्पताल में आये दिन इस तरह की अव्यवस्था आम है। बिजली गुल होने पर डॉक्टर टार्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करने को मजबूर होते हैं। बिजली गुल होने पर एसएनसीयू के लिए बैकअप के रूप में इनवर्टर और जेनसेट की सुविधा भी है, लेकिन वह सिर्फ प्रदर्शनी की वस्तु बनकर रह गई है। सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में आधा दर्जन नवजात भर्ती हैं। गर्मी में इन बच्चों को बिना बिजली के करीब एक घंटे तक रहना पड़ा। इस दौरान कई उपकरण भी बंद रहे।
किसी तरह समय काटते रहे!
एक नवजात मरीज की परिजन बिंदा देवी ने कहा कि बिजली नहीं होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वे किसी प्रकार समय काटते रहे। बिजली नहीं होने पर अस्पताल प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। इस संबंध में नालंदा सिविल सर्जन श्यामा राय ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। अस्पताल उपाधीक्षक एवं अकाउंटेंट से जानकारी ली जा रही है। यह घोर लापरवाही है। किन कारणों से बिजली की सप्लाई ठप थी, यह पता लगाया जा रहा है।
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