बिहार के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को उन सवालों पर नाराजगी जताई, जो मीडिया द्वारा उनकी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात को लेकर उठाए जा रहे हैं। आरिफ मोहम्मद खान ने यह बयान पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन द्वारा उन्हें राज्यपाल पद की शपथ दिलाए जाने के तुरंत बाद दिया। राज्यपाल खान से बुधवार शाम को लालू प्रसाद के आवास पर हुई मुलाकात के बारे में पूछा गया था।
राजभवन में तेजस्वी ने की थी मुलाकात
इससे पहले बिहार के नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने राजभवन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की थी और वह राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी उपस्थित थे। मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल खान ने कहा, "आप मुझे एक बात बताएं, अगर आप किसी जगह जाते हैं और आपके पुराने परिचित होते हैं, तो क्या आप उनसे नहीं मिलना चाहेंगे? इसी तरह, क्या मैं उन लोगों के साथ कुछ समय बिताना नहीं चाहूंगा, जिन्हें मैं 1975 से जानता हूं?" उन्होंने आगे कहा, "मुझे आश्चर्य है कि इसमें क्या संदिग्ध है।"
"बिहार में शानदार कार्यकाल की उम्मीद"
राज्यपाल खान ने यह भी कहा कि यह मुलाकात राजनीति से परे एक सामान्य सामाजिक और व्यक्तिगत संबंध का हिस्सा थी। उन्होंने मीडिया से सभी चीजों को राजनीति के चश्मे से न देखने का आग्रह करते हुए कहा कि वह बिहार में एक शानदार कार्यकाल की उम्मीद करते हैं, जहां वह एक "सेवक" के तौर पर आए हैं।
बिहार के भविष्य पर क्या बोले नए गवर्नर?
राज्यपाल ने कहा, "बिहार का एक शानदार और गौरवशाली इतिहास है। बिहार के लोगों में जबरदस्त क्षमता है। आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि वे पूरे देश की व्यवस्था चला रहे हैं। मैं यहां एक सेवक के तौर पर आया हूं।" राज्यपाल ने बिहार के भविष्य को लेकर भी सकारात्मक उम्मीद जताई और कहा, "अगर हम भविष्य के संदर्भ में सोचें तो इसमें जबरदस्त संभावनाएं भी हैं।" (भाषा इनपुट)
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