
मोकामा: मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं।अदालत ने उनकी नियमित जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कल बुधवार को एमपी -एमएलए की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज इस मामले का फैसला सुनाया गया।
22 जनवरी की शाम मोकामा के नौरंगा में फायरिंग हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने अनंत सिंह पर आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास समेत दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया था। बाद में 24 जनवरी को अनंत सिंह ने सरेंडर कर दिया था।
फायरिंग में बाल-बाल बचे थे अनंत सिंह
गोलीबारी की यह घटना 22 जनवरी को मोकामा के नौरंगा इलाके में हुई थी। फायरिंग की इस घटना में अनंत सिंह बाल-बाल बच गए थे। घटना के सिलसिले में पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की थी। सोनू-मोनू गिरोह ने सिंह के काफिले पर कथित तौर पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। जबाव में अनंत सिंह के समर्थकों ने भी गोलीबारी की। पुलिस के मुताबिक, सोनू-मोनू गिरोह ने मोकामा के पंचमहल थाना क्षेत्र के हमजा गांव के निवासी और गिरोह के पूर्व सहयोगी मुकेश सिंह को भी निशाना बनाया था। मुकेश सिंह ने अनंत सिंह से कथित तौर पर मदद मांगी थी।
बाहुबली नेता हैं अनंत सिंह
छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह एक बाहुबली नेता हैं, जिन्होंने बिहार की मोकामा विधानसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व किया है। उनकी पत्नी और मोकामा की मौजूदा विधायक नीलम देवी हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गई थीं। सिंह को 2018 में उनके पैतृक आवास से एके-47 राइफल, गोला-बारूद और दो हथगोले बरामद होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जून 2020 में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि, अगस्त 2024 में पटना उच्च न्यायालय ने सिंह को मामले में बरी कर दिया था और जेल से उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश दिया था।