भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाला अगुवानी पुल एक फिर भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शनिवार की सुबह निर्माणधीन अगुवानी पुल के पिछले साल गिरे सुपर स्ट्रक्चर का बचा हुआ हिस्सा भी गंगा नदी में समा गया। अब तक यह पुल तीन बार गिर चुका है। सबसे पहले 2022 में पिलर संख्या 5 से सुपर स्ट्रकचर गिरा था। इसके बाद 2023 में तीन पिलर गिरे और अब एक और पिलर गिरा है। 11 साल में इस पुल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है, जबकि इसकी लागत करीब 1710 करोड़ रुपये है। पुल निर्माण निगम का कहना है कि पहले ही टूट चुके पुल के जिस बचे हिस्से को हटाया जा रहा था वही हिस्सा गिरा है। कोई नयी टूट नहीं हुई है या पुल का कोई नया निर्माणाधीन हिस्सा नहीं गिरा है।
इस पुल की आधार शिला 23 फरवरी , 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी। साथ ही नौ मार्च, 2015 को काम शुरू किया गया था। ऐसे में करीब 11 साल बाद भी यह पुल नहीं बन सका है। इस पुल की लागत करीब 1710 करोड़ रुपये है। यह पुल करीब 3.160 किमी लंबाई में बन रहा है। इसमें खगड़िया की ओर से करीब 16 किमी और सुल्तानगंज की ओर से करीब चार किमी लंबाई में एप्रोच रोड भी बन रहा है। ऐसे में एप्रोच सहित पुल की लंबाई करीब 23.1 किमी है।
कब-कब गिरा पुल
- 30 जून 2022 को सुल्तानगंज की ओर से पिलर संख्या-5 से सुपर स्ट्रक्चर गिरा।
- 4 जून 2023 को खगड़िया की ओर से पिलर संख्या-10,11,12 से सुपर स्ट्रक्चर गिरा।
- 17 अगस्त 2024 को पिलर संख्या-9 से लोहे का एंगल और सुपर स्ट्रक्चर गिरा
पुल बनने से 90 की जगह 30 किलोमीटर का होगा सफर
उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले इस पुल के बनने से उत्तर बिहार का सीधा संपर्क मिर्जा चौकी के माध्यम से झारखंड से हो जायेगा। इसके साथ ही विक्रमशिला सेतु पर भी गाड़ियों का दबाव कम होगा श्रावणी मेला के दौरान कांवड़ियों को खगड़िया से भागलपुर आने के लिए करीब 90 किमी की दूरी की जगह केवल 30 किमी का सफर तय करना होगा।
(भागलपुर से सुशील की रिपोर्ट)
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