बिहार में भोजपुरी गानों में अश्लीलता और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करना अब आपको महंगा पड़ सकता है। राज्य सरकार ने डबल मीनिंग भोजपुरी गानों पर अंकुश लगाने को लेकर कमर कस ली है। यह मामला विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाया गया है। विधायकों द्वारा इस तरह के मामला उठाए जाने के बाद मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार इस पर रोक लगाने के लिए गंभीर है।
बिहार के सभी जिलों को दिया गया निर्देश
मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से पत्र जारी किया जा चुका है। हालांकि मंत्री के जवाब से प्रश्नकर्ता विधायक संतुष्ट नहीं हुए। 15 फरवरी को इस संबंध में सभी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में एक पत्र भेजकर निर्देशित किया गया है। पत्र में कहा गया है कि सूचनानुसार, कतिपय गायकों द्वारा अपने भोजपुरी गानों में अश्लील, डबल मीनिंग, जातिसूचक, महिला और अनुसूचित जाति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों पेश किया जा रहा है। ऐसे गायक अपने गानों में किसी जाति का महिमामंडन करते हैं तो किसी जाति को नीचा दिखाते हैं। इस तरह के गानों से सामाजिक सद्भाव, माहौल बिगड़ने की गोपनीय संभावना है।
ऐसे गानों के पीछे जुड़े लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
भोजपुर, सीवान में ऐसे गानों के कारण 11 फरवरी को भी एक पत्र भेजा गया था, लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि यह प्रवृत्ति सीमित होने के बजाय और बढ़ रही है। ऐसे भोजपुरी गानों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने और जातियों के बीच विद्वेष फैलने की संभावना बन रही हैं। आगामी पर्व, त्योहार होली को देखते हुये इस तरह के अश्लील और विद्वेष फैलाने वाले गानों के विरुद्ध सतकर्ता अपेक्षित हैं। इस तरह के गानों के विरुद्ध समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही हैं। पत्र के अंत में ऐसे गानों और सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों के खिलाफ विधियुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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