बिहार में आए दिन खबर मिलती है कि अज्ञात बीमारी से लोगों की जान चली गई। इस बीमारी का इलाज आज तक बिहार सरकार नहीं निकाल पाई। ऐसा कोई महीना नहीं होता है कि बिहार से ऐसी खबरें ना मिले। प्रदेश में लोग छठ पूजा की तैयारी में लगे हुए हैं। इधर, बिहार के रोहतास जिले में पांच लोगों की जान चली गई।
इस संबंध में एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि मृतकों की मौत अज्ञात बीमारी के कारण हुई है। दो मृतकों में बुध पासवान और चंदन पासवान की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई, जबकि धनंजय सिंह और संजय सिंह की मौत पेट और जोड़ों में दर्द के कारण हुई। वे करगहार थाना क्षेत्र के बड़की खरारी गांव के रहने वाले थे। वहीं बगल की बभनी पहाड़ी के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति मनीष सिंह की भी पेट और जोड़ों में दर्द के कारण मौत हो गई।
क्या अज्ञात बीमारी से हुई मौत?
ग्रामीणों ने दावा किया कि इन दोनों गांवों में बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। इनमें से कुछ को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वे ऐसी बीमारियों के कारणों के बारे में अनजान थे। मनीष सिंह के पिता जगदीश सिंह ने कहा, मेरे "बेटे ने पेट और जोड़ों में तेज दर्द की शिकायत की। हम उसे स्थानीय अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। "बुध और चंदन पासवान के पिता अर्जुन पासवान ने बताया, "मेरे बेटों ने सिर में तेज दर्द की शिकायत की। वे जल्द ही बेहोश हो गए और दोनों की मौत हो गई।"मृतक के परिजनों ने बिना पोस्टमॉर्टम के उनका अंतिम संस्कार कर दिया। रोहतास स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तेज और दर्द से हुई मौतों की जानकारी नहीं थी।
क्या शराब पीने हुई मौत?
सुत्रों के मुताबिक, दिवाली के दिन इन लोगों ने शराब पिया था। शराब पीने के कारण ही सभी की मौत हो रही है। इस संबंध में कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है। अब सवाल है कि जब बिहार में शराब बंद है तो इन लोगों को शराब कहां से मिला? इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि शराब आसानी से यहां पर मिल जाता है। शराब बंद होने से कोई फायदा नहीं है। गांव-गांव में शराब तस्कर फैले हुए हैं।