2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा किया था। बीजेपी ने 25 साल बाद इस सीट पर जीत हासिल की थी। जफराबाद सीट पर कभी बसपा का दबदबा हुआ करता था। 1993 से लेकर 2012 तक इस सीट पर बसपा का ही कब्जा रहा।
अभी तक इस सीट पर साल 1997 से लेकर अब तक 4 सपा तो दो बार भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। शाहगंज सीट पर 2017 के चुनाव में सपा प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ने यहां जीत हासिल की थी। शैलेंद्र 2012 के चुनाव में भी यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके को अब समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। सपा के कद्दावर नेता दुर्गा प्रसाद की इस इलाके में अच्छी पैठ है। क्या सपा के गढ़ में इस बार खिल जाएगा 'कमल'?
शाहगंज के विधायक का दावा है कि वो क्षेत्र में विकास करते हैं यही वजह है कि जनता उनको चुनती है। ललई अखिलेश यादव के नेतृत्व में मंत्री भी रहे । अब सात मार्च को वोटिंग के बाद, 10 मार्च को जब नतीजे आएंगे तब साफ हो जाएगा कि क्षेत्र में विधायक का दावा कितना सच्चा है?
जौनपुर की जनता ने कहा- ' जौनपुर में शांति है। पुल बन रहा है। बिजली समय से मिल रही है, पर रोजगार नहीं मिल पाने से नाराज़गी है।' एक महिला ने कहा- 'सरकार गरीबों को राशन दे रही है, पर कुछ लोग धांधली कर रहे हैं।'
मानिकपुर विधानसभा में कुल साढ़े तीन लाख के करीब मतदाता हैं । जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता अधिक संख्या में हैं । वहीं चुनाव में ब्राह्मण, यादव, पटेल, पाल और निषाद बिरादरी के वोटर अहम भूमिका निभाते हैं ।
कोरांव विधानसभा सीट प्रयागराज जिले के अंतर्गत आती है । 2007 में मेजा सीट से अलग होकर ये सीट अस्तित्व में आई थी । कोरांव विधानसभा सीट पर करीब साढ़े तीन लाख से भी अधिक मतदाता हैं ।
देश हो या प्रदेश सरकार बनाने में साधु-संतों का भी बड़ा योगदान रहता है। संतो ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर हुंकार भरी।
इस चुनाव में सरकार से नाराज़ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कहा कि ‘’जब देखो तब पेपर लीक हो जाते हैं। नौकरी मांगने पर छात्रों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। छात्र मानसिक रूप से बीमार हो चुका है।’’
2017 में BJP से नीलम करवरिया विधायक बनीं। नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है। यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार भी नीलम करवरिया को BJP ने टिकट दिया है। मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है?