सुप्रीम कोर्ट में दिए आवेदन में उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा अधिनियमित कानून और नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है।
Darul Uloom News: महासभा ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि कोर्ट इन सभी संस्थानों तथा इनके प्रमुखों व अन्य अधिकारियों के हिंसा व देश के खिलाफ साजिश रचने में शामिल होने की भी जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि भारत में मौजूद 100 साल से पुरानी सभी मस्जिदों का ASI या किसी दूसरी सरकारी एजेंसी द्वारा गोपनीय सर्वे कराने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट जारी करे, जिससे ये पता चल सके कि वहां हिंदू सिख, जैन बौद्ध के धार्मिक स्थलों के अवशेष तो मौजूद नहीं है।
Hyderabad Encounter Case: वर्ष 2019 में दिशा रेप केस के आरोपियों का एनकाउंटर एनएच 44 पर उस वक्त हुआ था जब पुलिस इन आरोपियों के साथ क्राइम सीन क्रिएट कर रही थी
गौरतलब है कि पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के सांसद एवं पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम अपने पिता आजम खान के साथ पिछले 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जांच कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी।
कोर्ट ने कहा है कि जब दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 500 के पास है तो फिर स्कूलों को क्यों खोला गया है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में बच्चे स्कूलों में जा रहे हैं और बड़े घरों से काम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों और एजेंसियों की किसी भी तरह की चूक को बेहद गंभीरता से देखा जाएगा।
टिकरी बॉर्डर के बाद अब गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेड हटाने का काम शुरू हो गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर सड़क के एक लेन से पुलिस ने पूरी तरह हटाए बेरिकेड्स हटा दिए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 'हमने कहां रास्ता रोक रखा है, पुलिस ने रास्ता रखा है, हम पूरा रास्ता खोलेंगे, दिल्ली जाएंगे, हमने तो दिल्ली जाना है।'
दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के सड़कें बंद करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। दिल्ली के बॉर्डर से किसानों को हटाने के लिए दायर याचिका पर कोर्ट ने समय देते हुए 7 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके कौल ने कहा कि सड़कें साफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते। आपको आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते।
मामले में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि जब तक वैधता तय नहीं हो जाती विरोध प्रदर्शन जारी नहीं रह सकता। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं। उन्होंने सुनवाई के दौरान लखीमपुर खीरी की घटना का सुप्रीम कोर्ट में जिक्र किया।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील से सभी महिलाओं की फाइलें चेक करके पूरी जानकारी देने के लिए कहा है कि किन-किन महिलाओं को स्थाई कमिशन देने से मना किया गया है और किस आधार पर मना हुआ है।
जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि जब किसान कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ही दी है तो फिर विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की क्या वजह है।