Zelensky furious at UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC) में भारत को अब तक स्थाई सदस्य नहीं बनाए जाने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा क्या कारण है कि भारत और यूक्रेन जैसे देश को अब तक यूएएनएससी का स्थाई सदस्य नहीं बनाया गया। जबकि भारत समेत यूक्रेन, ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देश इसकी स्थाई सदस्यता के पूरे हकदार हैं। मगर अब तक स्थाई सदस्य नहीं बनाए जाने के कारण क्या हैं?... उन्होंने आगे कहा कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब यह मसला हल होगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपना यह रिकॉर्डेड संदेश संयुक्त राष्ट्र को ऐसे वक्त में भेजा है, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने का अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जोरदार समर्थन किया है, लेकिन चीन कड़ाई से अमेरिका के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा है। जबकि अमेरिका के अलावा रूस, ब्रिटेन और फ्रांस भी भारत को स्थाई सदस्यता दिए जाने के पक्ष में हैं। जेलेंस्की ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए बातें तो तमाम की गईं, लेकिन इसका हल कैसे निकलेगा ... इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया। इसलिए अभी तक इसका कोई परिणाम भी नहीं निकला। जेलेंस्की यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यूक्रेन अपने सार्वभौमिक सूत्र के तहत उत्तर से दक्षिणी छोर तक दुनिया को जोड़ने की यह बात कर रहा है, क्या इस तरह कोई अन्य देश भी कहता है, क्या यूएनएससी का स्थाई सदस्य होने के बावजूद रूस ने कभी ऐसी बात कही है?....उन्होंने इस दौरान पुतिन को ललकारते हुए यह भी कहा कि यूक्रेन अपना एक-एक हिस्सा रूस से वापस लेगा।
भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र से कह दी खरी बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक भारत को स्थाई सदस्य नहीं बनाए जाने के मसले पर खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि अपने देश को यह अधिकार दिलाने के लिए हम लड़ रहे हैं। भारत इसका सबसे मजबूत दावेदार और हकदार भी है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबित तमाम प्रस्तावों में सुधार को लेकर सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा इसके बावजूद अब तक भारत का यूएनएससी का स्थाई सदस्य नहीं होना केवल हमारे लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक निकाय के लिए भी यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें सुधार बहुत पहले हो जाना चाहिए था। जब जयशंकर से यह पूछा गया कि भारत को यह मुकाम हासिल करने में कितना वक्त लगेगा तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं जब कहता हूं कि इस पर काम कर रहा हूं तो समझ लीजिए कि मैं इसे लेकर बेहद गंभीर हूं।
80 साल पहले और अब की परिस्थितियां भिन्न
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत इसके लिए बहुत गंभीर है। हम लगातार यूएनएससी में सुधारों की बात कर रहे हैं। क्योंकि यूएनएससी को बने 80 साल से भी अधिक हो चुके हैं। तब और अब कि परिस्थितियां बहुत भिन्न हैं। आज भारत तेजी से विकास के पथ पर दौड़ रहा है। हम दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। अब विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था भी शीघ्र ही बन जाएंगे। बावजूद अब तक यूएनएससी का स्थाई सदस्य न होना सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक निकाय के लिए भी सही नहीं है। वर्तमान में वैश्विक हालातों को देखते हुए इसमें सुधार की मांग तेजी से हो रही है।
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