दुनिया की दिग्गज IT कंपनी ने ईरान को लेकर किया विस्फोटक दावा, पाकिस्तान का भी हुआ जिक्र
माइक्रोसॉफ्ट की एक नई रिपोर्ट के अनुसार ईरान अपनी इंटरनेट गतिविधियों को बढ़ा रहा है। ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी लाने का मकसद नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करना प्रतीत होता है।
न्यूयॉर्क: दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि ईरान ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी ला रहा है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करना प्रतीत होता है। कंपनी ने कहा कि एक मामले में तो ‘ईमेल फिशिंग’ हमले के जरिए राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान को निशाना बनाया जा रहा है। निजी या आपके ऑनलाइन खातों की जानकारी चुराने की कोशिश को ‘फिशिंग’ कहते हैं। इसके लिए, धोखाधड़ी वाले ईमेल, संदेश, विज्ञापनों या ऐसी साइट का इस्तेमाल किया जाता है जो उन साइट की तरह दिखती हैं, जिनका आप पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं।
ईरान ने किया इनकार
इस बीच ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने या साइबर हमले करने की कोई योजना है। दुनिया की दिग्गज IT कंपनी ने ईरान को लेकर किए विस्फोटक दावे में अमेरिका में अराजकता फैलाने के अलावा ईरान के इरादों के बारे में कुछ नहीं बताया है। अमेरिकी अधिकारियों ने हालांकि पहले संकेत दिया था कि ईरान विशेष रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का विरोध करता है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कैसे रूस और चीन भविष्य में अपने विभाजनकारी संदेश को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी राजनीतिक ध्रुवीकरण का फायदा उठा रहे हैं।
इस बात पर रखी जाती है नजर
माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में ईरान में हाल की गतिविधियों के चार उदाहरणों की पहचान की गई है, जिनके बारे में कंपनी को उम्मीद है कि नवंबर में होने वाले चुनाव के करीब आने के साथ इनमें वृद्धि होगी। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह इस बात पर नजर रखता रहा है कि विदेशी दुश्मन एआई तकनीक का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सप्ताह न्याय विभाग ने ईरान से संबंध रखने वाले एक पाकिस्तानी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक आरोपों का खुलासा किया है, जिसपर कई अधिकारियों, जिनमें संभवतः ट्रंप भी शामिल हैं, की हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
ईरान खुद रहा है शिकार
ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को भेजे एक ईमेल में कहा, ‘‘ईरान अपने बुनियादी ढांचे, जन सेवा केंद्रों और उद्योगों को निशाना बनाने वाले कई आक्रामक साइबर अभियानों का खुद शिकार रहा है। ईरान की साइबर क्षमताएं रक्षात्मक हैं। ईरान का ना तो साइबर हमले करने का कोई इरादा है और ना ही उसकी कोई योजना है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव एक आंतरिक मामला है जिसमें ईरान हस्तक्षेप नहीं करता है।’’ (एपी)
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