वॉशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी का ‘समर्थन नहीं करता’ जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की विदेश नीति के फैसलों ने चीन और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एक साथ ला दिया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बुधवार को लोकसभा में गांधी की टिप्पणियों से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं इसे पाकिस्तान और चीन के लोगों पर उनके संबंधों पर बात करने के लिए छोड़ना चाहूंगा। मैं निश्चित रूप से उन टिप्पणियों का समर्थन नहीं करूंगा।’
अपनी प्रेस वार्ता में एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि देशों को अमेरिका और चीन के बीच चयन करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा यह बात रखी है कि दुनिया के किसी भी देश के लिए अमेरिका और चीन के बीच चयन करने की आवश्यकता नहीं है। जब अमेरिका के साथ संबंधों की बात आती है तो हमारा इरादा देशों को विकल्प प्रदान करने का है। हमें लगता है कि अमेरिका के साथ साझेदारी से कई लाभ मिलते हैं जो देशों को आमतौर पर तब नहीं मिलते जब यह अलग तरह की साझेदारी होती है।’
प्राइस ने कहा, ‘चीन ने जिस तरह के रिश्तों की तलाश की है, जैसा वह दुनिया भर में करना चाहता है, इस तरह ‘साझेदारी’ गलत शब्द हो सकता है।’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को चीन के लिए रवाना हुए और राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित शीर्ष चीनी नेताओं से भी वह मुलाकात करेंगे। चीन और अमेरिका के बीच रिश्तों में खटास है। कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच टकराव जारी है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को अमेरिका का ‘रणनीतिक साझेदार’ बताया और कहा, ‘इस्लामाबाद में सरकार के साथ हमारा एक महत्वपूर्ण रिश्ता है और यह एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम कई मोर्चों पर महत्व देते हैं।’ बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता गांधी ने सीमा पर चीन की आक्रामकता और पाकिस्तान की सीमा से जुड़ी चुनौती का उल्लेख करते हुए कहा, ‘आप खतरे को हल्के में मत लीजिए। आप चीन और पाकिस्तान को साथ ला चुके हैं, यह भारत के लोगों के साथ सबसे बड़ा अपराध है।’ (भाषा)
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