जो बाइडन ने भारत और जापान को बताया विदेशियों से द्वेष रखने वाला देश, अब व्हाइट हाउस ने दी सफाई
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत, जापान समेत चीन और रूस को 'जेनोफोबिक' देश कहा है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान पर व्हाइट हाउस की ओर से सफाई दी गई है।
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस, चीन, भारत और जापान को 'विदेशियों से द्वेष रखने' वाला देश बताया है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने उनके इस बयान का बचाव किया है। व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका अप्रवासियों का देश है और कोई अन्य देश अप्रवासियों का उस तरह स्वागत नहीं करता, जैसे अमेरिका करता है।
'मजबूत हैं अमेरिका और जापान के संबंध'
‘व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे से जब बाइडन की इस टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एक ‘‘व्यापक बिंदु’’ पर बात कर रहे थे। पियरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हमारे सहयोगी और साथी बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि राष्ट्रपति उनका कितना सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और जापान के संबंध महत्वपूर्ण हैं। यह गहरा और स्थायी गठबंधन है।’’
'अप्रवासियों का होना जरूरी है'
पियरे ने कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडन ने) एक व्यापक बिंदु पर टिप्पणी की थी कि देश में अप्रवासियों का होना कितना जरूरी है और कैसे इनके कारण हमारा देश मजबूत बनता है। वह इस बारे में बात कर रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत और जापान के साथ निस्संदेह हमारे संबंध मजबूत हैं और यदि आप पिछले तीन वर्ष पर नजर डालें तो राष्ट्रपति ने इन राजनयिक संबंधों पर निश्चित ही ध्यान केंद्रित किया है।’’
बाइडन ने क्या कहा
बता दें कि, जो बाइडन ने चुनाव के लिए चंदा एकत्र करने के लिए बुधवार शाम को आयोजित कार्यक्रम में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘यह चुनाव आजादी, अमेरिका और लोकतंत्र के बारे में है इसलिए मुझे आपकी सख्त जरूरत है। आप जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं। क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं।’’ डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार बाइडन ने कहा था, ‘‘इसके बारे में सोचिए। चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह ठहर सा क्यों रहा है? जापान को क्यों परेशानी हो रही है? रूस (को) क्यों (दिक्कत हो रही) है? भारत (को) क्यों (दिक्कत हो रही) है? क्योंकि उन्हें विदेशियों से द्वेष हैं। वो अप्रवासियों को नहीं चाहते।’’
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