नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के अपने दौरे में छाए रहे। उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई दिशा देने के साथ ही अपने संबोधन से सबका दिल जीत लिया। अमेरिकी कांग्रेस को दूसरी बार संबोधित करने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक कविता भी सुनाई। इस कविता को सुनकर पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
बहुत पहले लिखी थी कविता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन तो अंग्रेजी में दिया लेकिन उन्होंने अपनी कविता हिंदी पढ़कर सुनाया। पीएम मोदी ने बताया कि यह कविता उन्होंने काफी पहले लिखी थी।
आसमान में सिर उठाकर...
आसमान में सिर उठाकर, घने बादलों को चीर कर.. रोशनी का संकल्प लें.. अभी तो सूरज उगा है... अभी तो सूरज उगा है... दृढ़ निश्चय के साथ चलकर, हर मुश्किल को पार कर.. घोर अंधेरे को मिटाने.. अभी तो सूरज उगा है।
'मोदी.. मोदी' के नारे
इसके बाद पीएम मोदी ने इस कविता का अंग्रेजी अनुवाद भी सुनाया। इस कविता को सुनने के बाद पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंजने लगा। पीएम मोदी के पूरे भाषण के दौरान रह-रहकर तालियां गूंजती रही। पीएम मोदी जब अमेरिकी संसद पहुंचे तब 'मोदी.. मोदी' के नारे लगने लगे और यह सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा।
सभी सदस्यों को दिया धन्यवाद
पीएम मोदी ने कहा अमेरिकी कांग्रेस को दूसरी बार संबोधित करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं और इस ऐतिहासिक संयुक्त संबोधन में शामिल होने के लिए इसके सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हैं। अंग्रेजी में करीब एक घंटे के संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक भारतीय प्रधानमंत्री और हर अमेरिकी राष्ट्रपति ने अतीत में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाया है। मोदी ने कहा, ‘ लेकिन हमारी पीढ़ी को इसे महान ऊंचाइयों तक ले जाने का सम्मान मिला। मैं राष्ट्रपति बाइडन से सहमत हूं कि यह इस शताब्दी का एक महत्वपूर्ण गठजोड़ है।’
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