ह्यूस्टन: अमेरिका के टेक्सास में स्थित एल पासो वॉलमार्ट में 2019 में 23 लोगों की हत्या करने वाला शख्स मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने पर राजी हो गया है। पैट्रिक क्रूसियस नाम के इस शख्स ने लैटिन अमेरिकी मूल के 23 लोगों को इसलिए मौत की नींद सुला दिया था क्योंकि उसे लगता था कि वे सरकार और अर्थव्यवस्था पर कब्जा करने जा रहे हैं। 24 साल का क्रूसियस अब मृतकों के परिजनों को 55,57,005.55 डॉलर (46 करोड़ रुपये) का मुआवजा देने को राजी हो गया है।
समझौते को जज ने दे दी मंजूरी
टेक्सास के पश्चिमी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने सोमवार को बताया कि फेडरल जज डेविड गुआडरमा ने अभियोजकों और लातीनी प्रवासियों को निशाना बनाने वाले श्वेत वर्चस्ववादी पैट्रिक क्रूसियस के बीच समझौते को मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समझौते के तहत क्रूसियस गोलीबारी के पीड़ितों को 55,57,005.55 डॉलर का भुगतान करेगा। यह अमेरिका के मौजूदा इतिहास में लैटिन अमेरिकियों को निशाना बनाकर किए गए सबसे घातक हमलों में से एक था। क्रूसियस ने लैटिन अमेरिकी समुदाय को लोगों को निशाना बनाने के लिए एक हजार किलोमीटर से भी ज्यादा की यात्रा की थी।
नौकरी से निकाला गया था क्रूसियस
क्रूसियस ने एक बार एक मूवी थिएटर में काम किया था और उसके वकीलों के मुताबिक उसे वहां से निकाल दिया गया था क्योंकि उसके मन में हिंसक विचार आ रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रूसियस को फरवरी में हेट क्राइम सहित 90 आरोपों में दोषी ठहराया गया था। जुलाई में उसे लगातार 90 आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। क्रूसियस को एक अलग सरकारी मामले में मौत की सजा भी हो सकती है। इस मामले में उसने हत्या का अपराध स्वीकार नहीं किया है और अभी सुनवाई की तारीख भी तय नहीं है।
क्या है पैट्रिक क्रूसियस का इतिहास
पैट्रिक क्रूसियस ने जब इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया तब वह मात्र 21 साल का था। वह डालास में रहता था और काफी संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था। क्रूसियस डालास के पास स्थित कोलिन कॉलेज का छात्र था और घटना को अंजाम देने से पहले उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। माना जाता है कि वह डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल के दौरान प्रवासियों को लेकर चल रही बहस से काफी प्रभावित था। उसे इस मुद्दे को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की तारीफ भी की थी।
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