न्यूयॉर्क: हमास-इजरायल के बीच गाजा में चल रही लड़ाई पिछले करीब दो महीने से जारी है। इस बीच गाजा पट्टी में तुरंत सीजफायर (युद्ध विराम) का प्रस्ताव यूएन सुरक्षा परिषद में खारिज हो गया है। दरअसल, अमेरिका ने इजरायल के पक्ष में अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उप प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव वास्तविकता से अलग है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारी लगभग सभी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए वे वीटो का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इजरायल के लिए ढाल बना अमेरिका
इससे पहले भी अमेरिका खुलकर इजरायल के पक्ष में यूएन में बोलता रहा है। इससे पहले भी पेश किए गए प्रस्ताव पर अमेरिका वीटो कर चुका है। इस तरह से अमेरिका एक बार फिर इजरायल के लिए ढाल बनकर खड़ा हो गया।
प्रस्ताव का 90 देशों ने किया था समर्थन
मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया जिसमें इजरायल और हमास के बीच तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी। यह प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात द्वारा रखा गया था और 90 से अधिक सदस्य देशों ने इसका समर्थन किया था। यूएनएससी के 13 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि ब्रिटेन मतदान से दूर रहा।
वीटो इस्तेमाल करने की अमेरिका ने बताई वजह
रॉबर्ट वुड ने कहा कि हमें अफसोस है कि मैं इसका समर्थन नहीं कर सका। वुड ने कहा कि अमेरिका यह समझ नहीं पा रहा है कि प्रस्ताव में 7 अक्टूबर को इज़रायल पर हमास के हमले की निंदा करने वाली भाषा क्यों शामिल नहीं है। यह प्रस्ताव बिना शर्त युद्धविराम के आह्वान को बरकरार रखता है। यह न केवल अवास्तविक है, बल्कि खतरनाक भी है। यह बस हमास को अपनी जगह पर छोड़ देगा फिर से संगठित होने और 7 अक्टूबर को जो किया उसे दोहराने में सक्षम होगा।
बता दें कि फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में इजराइली सेना के अभियान में 17,400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जिनमें से 70 फीसदी महिलाएं और बच्चे हैं तथा 46,000 से अधिक घायल हुए हैं।
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