अपने सैनिकों की मौत से बौखलाए अमेरिका ने लिया बदला, इराक और सीरिया में मिलिशिया समूहों के 85 ठिकाने धुआं
अमेरिकी सैनिकों की मौत से बौखलाए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इराक और सीरिया में मिलिशिया समूहों के 85 ठिकानों पर भीषण हवाई हमला किया है। इसमें बड़ी संख्या में ईरान समर्थित आतंकियों के मारे जाने की आशंका है। अमेरिका ने कहा कि अभी तो ये हमले का आगाज है। आगे बड़ी तबाही होगी।
Edited By : Dharmendra Kumar Mishra
Published : Feb 03, 2024 11:02 IST, Updated : Feb 03, 2024, 11:02:10 IST वाशिंगटनः अमेरिका ने जॉर्डन में अपने सैनिकों पर हमले का जबरदस्त बदला लिया है। अमेरिकी सेना ने जवाबी कार्रवाई में इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया (असैनिक लड़ाकों) और ईरानी ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के 85 ठिकानों को हवाई हमले में तबाह कर दिया है। बता दें कि जॉर्डन में ईरान समर्थित समूह के ड्रोन हमले में 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी और 40 से अधिक सैनिक घायल हो गए थे। इससे अमेरिका बौखला गया था। राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य शीर्ष अमेरिकी नेता कई दिनों से चेतावनी दे रहे थे कि अमेरिका मिलिशिया समूहों पर जवाबी हमला करेगा और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक हमला नहीं, बल्कि समय के साथ की जाने वाली कई स्तर की प्रतिक्रिया होगी।
अमेरिका के जवाबी हमले के बाद बाइडेन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘अमेरिका पश्चिम एशिया या दुनिया में कहीं भी संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वे यह जान लें: यदि आप किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाएंगे, तो हम जवाब देंगे।’’ बाइडन ने पिछले रविवार को कहा था कि जॉर्डन में ईरान के ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स’ (आईआरजीसी) द्वारा समर्थित आतंकवादी समूहों के ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई। बाइडेन ने शुक्रवार को कहा, ‘‘मेरे निर्देश पर आज दोपहर अमेरिकी सैन्य बलों ने इराक और सीरिया में उन केंद्रों को निशाना बनाया जिनका उपयोग आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया समूह अमेरिकी बलों पर हमला करने के लिए करते हैं।
अमेरिका ने कहा जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी
अमेरिका ने कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई आज से शुरू हुई जो हमारे द्वारा चुनी गई जगहों और हमारे चुने समय पर जारी रहेगी।’’ ‘यूएस सेंट्रल कमांड’ (सेंटकॉम) के अनुसार, स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे (भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात ढाई बजे) उसकी सेना ने ‘आईआरजीसी कुद्स फोर्स’ और संबद्ध मिलिशिया समूहों के खिलाफ इराक और सीरिया में हवाई हमले किए। अमेरिकी सैन्य बलों ने 85 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया, इस हमले में अमेरिका से भेजे गए लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों सहित कई विमान शामिल थे। सेंटकॉम ने बताया कि जिन ठिकानों पर हमला किया गया, उनमें कमान और नियंत्रण संचालन केंद्र, खुफिया केंद्र, रॉकेट एवं मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन भंडारण, मिलिशिया समूहों और उनके आईआरजीसी प्रायोजकों की रसद और गोला-बारूद आपूर्ति श्रृंखला केंद्र शामिल हैं।
अभी तो यह शुरुआत है
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि उन सात केंद्रों पर ये हमले किए गए जिनका उपयोग आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया अमेरिकी सेना पर हमला करने के लिए करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी जवाबी कार्रवाई की शुरुआत है। राष्ट्रपति ने आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया को अमेरिका और गठबंधन बलों पर उनके हमलों का जवाबदेह ठहराने के लिए अतिरिक्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।’’ ऑस्टिन ने कहा, ‘‘हमारे द्वारा चुने समय और स्थानों पर हमले किए जाएंगे। हम पश्चिम एशिया या कहीं और संघर्ष नहीं चाहते, लेकिन राष्ट्रपति और मैं अमेरिकी बलों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अमेरिका, हमारी सेनाओं और हमारे हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की आशंका
’’ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हमले सफल रहे।’’ किर्बी ने कहा कि अमेरिका को अभी यह नहीं पता कि इन हमलों में कितने आतंकवादी हताहत हुए हैं। इराकी सुरक्षा अधिकारियों और अल-कैम के मेयर ने बताया कि स्थानीय अमेरिकी हमलों में इराक-सीरिया सीमा के साथ अनबर प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित इराकी शहर अल-कैम में ईरान से जुड़े अल हशद अल शबी या ‘पॉपुलर मोबिलाइजेशन यूनिट्स’ (पीएमयू) द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले केंद्रों को निशाना बनाया गया। इराक के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता याह्या रसूल एक बयान जारी कर इन हमलों को ‘‘इराकी संप्रभुता का उल्लंघन’’ बताया। (भाषा)