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US Protest: पुलिस को देखते ही छात्रों ने पैक किया बैग, हवा में उड़ गया इजराइल विरोधी प्रदर्शन

फलस्तीन समर्थकों का विरोध प्रदर्शन अमेरिका में मंद पड़ता जा रहा है। पुलिस के सख्त एक्शन की वजह से अब छात्रों के तंबू उखड़ने लगे हैं। अब तक पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में शामिल 2,500 लोगों को गिरफ्तार किया है।

अमेरिका में छात्रों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : AP अमेरिका में छात्रों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

वाशिंगटन: इजराइल और हमास के बीच गाजा में हो रहे युद्ध का असर अमेरिका में देखने को मिल रहा है। अमेरिका की कई यूनिवर्सिटी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी था जो अब सिमटता हुआ नजर आ रहा है। इस बीच पुलिस से घिरे होने के बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया (यूएससी) में अपना शिविर छोड़ दिया है। इसके साथ ही नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह बोस्टन के फेनवे पार्क में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। पिछले महीने हुई कई गिरफ्तारियों के बाद से इन दोनों स्थानों के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। 

दी गई थी चेतावनी 

लॉस एंजिलिस स्थित यूएससी में 94 लोगों और बोस्टन स्थित नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यूएससी परिसर में सुरक्षा अधिकारियों की सहायता के लिए लॉस एंजिलिस पुलिस विभाग के कई अधिकारी सुबह लगभग चार बजे परिसर में पहुंच गए थे। विश्वविद्यालय ने सोशल मीडिया पर और व्यक्तिगत रूप से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तारी की चेतावनी भी दी थी।

कितने गिरफ्तार?

सोशल मीडिया पर जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं उनमें कुछ प्रदर्शनकारियों को अपना सामान पैक करते और विश्वविद्यालय से निकलते हुए देखा जा सकता है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बताया कि किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है। विश्वविद्यालयों तथा पुलिस के बयानों के आधार पर ‘एपी’ द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार 18 अप्रैल से अब तक करीब 50 परिसरों में लगभग 2,500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

'बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी'

बता दें कि, छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपतति जो बाइडेन ने भी प्रतिक्रिया दी थी। बाइडेन ने विरोध जताने के अधिकार का बचाव किया था, लेकिन साथ ही कहा था कि ‘व्यवस्था बनी रहनी चाहिए’। उन्होंने कहा था, ‘‘लोकतंत्र के लिए असहमति जरूरी है, लेकिन असहमति जताते समय कभी भी अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए।’’ राष्ट्रपति ने  कहा था कि शांतिपूर्ण असहमति लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संपत्ति को नष्ट करना शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं है, यह कानून के खिलाफ है। बर्बरता, अतिक्रमण, खिड़कियां तोड़ना, परिसरों को बंद करना, कक्षाओं को रद्द करने के लिए मजबूर करना इनमें से कोई भी शांतिपूर्ण विरोध नहीं है। (एपी)

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