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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में गांजा बना मुद्दा, आखिर क्यों इसे लीगल करना चाहते हैं ट्रंप और कमला?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब कुछ हफ्तों का ही समय बचा है। इस बीच गांजे को लीगल करने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही उम्मीदवारों के विचार मिलते-जुलते नजर आ सकते हैं।

Legalizing Marijuana In US- India TV Hindi Image Source : FILE REUTERS Legalizing Marijuana In US

US Presidential Election Legalizing Marijuana: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। शायद की ऐसा कोई मुद्दा हो जहां राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस एक-दूसरे की नीतियों से सहमत हों। दोनों ही नेता एक-दूसरे की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। लेकिन, अब एक मुद्दा ऐसा भी है जिसे लेकर दोनों ही उम्मीदवार सहमत नजर आ रहै हैं और यह मुद्दा है गांजा। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में गांजा बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ने ही अपने चुनाव प्रचार में गांजे की बिक्री को लीगल करने की बात कही है। अमेरिका में गांजे को लीगल करना कैसे बड़ मुद्दा बन गया है चलिए आपको बताते हैं। 

क्या हैं हालात?

अमेरिका में गांजे के इस्तेमाल की रोक है और यह संघीय कानून के तहत किया गया है। गांजे का इस्तेमाल सिर्फ दवा के लिए किया जा सकता है। इसके बावजूद अमेरिका के लगभग सभी शहरों में गांजे का इस्तेमाल नशे के तौर पर किया जाता रहा है। संघीय कानून के बावजूद कई राज्यों ने इसे लीगल भी कर दिया है। अमेरिका की लगभग 53 फीसदी आबादी ऐसे राज्यों में रहती है, जहां गांजे की बिक्री वैध है। यही वजह है कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टी के नेता इसे लीगल करने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं। 

क्या कहते हैं सर्वे के आंकड़े

इन सबके बीच ध्यान देने बात यह है कि पिछले साल गैलप की ओर से कराए गए एक सर्वे में अमेरिका के करीब 70 फीसद वयस्कों का कहना था कि गांजे के उपयोग को वैध कर देना चाहिए। साल 1969 में गांजा नीति तैयार करते वक्त किए गए पोल के मुकाबले पिछले साल सबसे अधिक वयस्कों ने इसे वैध करने के लिए वोट किया था। ऐसे में इसी का असर है कि इस बार चुनाव में दोनों ही उम्मीदवार गांजे को वैध करने का मुद्दा उठा रहे हैं और यह राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया है। 

बदलता रहा कमला हैरिस का रुख

भले ही गांजा इस चुनाव में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है लेकिन नेताओं का रुख इसे लेकर कभी एक तरह का नहीं रहा है। कमला हैरिस नें 2019 में गांजे जुड़े अपराध को खत्म करने के लिए सीनेट में एक बिल पेश किया था। हालांकि, एक समय था जब कमला इसके खिलाफ थीं। 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनने की दौड़ के दौरान, उन्होंने इसके वैध किए जाने का विरोध किया था। 

क्या रहा डोनाल्ड ट्रंप का रुख

गांजे को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख भी बदलता रहा है। राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने कभी भी खुले तौर पर इसका समर्थन या विरोध नहीं किया। हालांकि, हाल ही में उन्होंने फ़्लोरिडा में गांजे को वैध करने के समर्थन में मतदान करने की बात कही थी। 

यह देखना होगा दिलचस्प

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब यह देखना खासा दिलचस्प रहेगा कि पांच नवंबर के बाद जिसकी भी सरकार बनती है वो गांजे को वैध करने को लेकर क्या फैसला लेती है। क्या चुनाव में कही गई बातों पर अमल किया जाएगा या फिर यह सिर्फ वादा ही बनकर रह जाएगा। 

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