US Presidential Election 2024: ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बराबरी पर खत्म हुआ मुकाबला तो क्या होगा?
अमेरिकी चुनाव रोमांचक होता जा रहा है। अगर इस चुनाव में ट्रंप और कमला हैरिस के बीच टाई हो गया तो अमेरिका अपना राष्ट्रपति कैसे चुनेगी? ये सवाल भी लोगों के जेहन में है।
वाशिंगटन: अमेरिका का राष्ट्रपति कौन बनेगा? इस सवाल का जवाब बहुत जल्द मिलने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला है और पूरी दुनिया की नजर इस चुनाव पर है। ऐसे में एक सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर इस चुनाव में ट्रंप और कमला हैरिस बराबरी पर रहे तो क्या होगा?
क्या होगा अगर दोनों बराबरी पर रहे?
हालांकि दोनों उम्मीदवारों की बराबरी की संभावना बेहद कम है, फिर भी ये सवाल उठता दिखाई दे रहा है। अगर ट्रंप और कमला हैरिस 270 मतदाताओं की बहुमत सीमा तक पहुंचने में विफल रहते हैं, तो अमेरिकी संविधान के मुताबिक, निर्णायक भूमिका कांग्रेस निभाएगी।
चुनाव में टाई होने पर कांग्रेस में आकस्मिक चुनाव कराना पड़ेगा। हालांकि ये कुछ ऐसा होगा जो आधुनिक अमेरिकी इतिहास में कभी नहीं हुआ। पिछली बार 1800 के चुनाव में एक टाई ने कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनने के लिए मजबूर किया था, जिसमें थॉमस जेफरसन को मौजूदा राष्ट्रपति जॉन एडम्स के खिलाफ खड़ा किया गया था।
इस चुनाव में जेफरसन को चुना गया लेकिन सदन में सांसदों को सहमत होने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। इस संघर्ष के चार साल बाद अमेरिकी संविधान में 12वें संशोधन को अपनाया गया, ताकि चुनाव से जुड़ी प्रक्रियाओं को कुछ हद तक स्पष्ट किया जा सके। इस बार, अगर ऐसा हुआ तो सदन मतदान 6 जनवरी, 2025 को होगा।
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) के अनुसार, "प्रत्येक राज्य, जनसंख्या की परवाह किए बिना, आकस्मिक चुनाव में राष्ट्रपति के लिए एक वोट डालता है।"
अमेरिका में कैसे होता है चुनाव?
अमेरिका में जब भी राष्ट्रपति चुनाव होता है तो नवंबर के पहले मंगलवार को होता है। इस बार ये चुनाव 5 नवंबर को हो रहा है। हालांकि अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया करीब डेढ़ साल पहले ही शुरू हो जाती है। अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल का होता है। एक व्यक्ति अधिकतम 2 बार ही राष्ट्रपति हो सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया 5 चरणों में पूरी होती है, जोकि प्राइमरी और कॉकस, नेशनल कन्वेंशन, आम चुनाव, इलेक्टोरल कॉलेज और शपथ ग्रहण है। इसमें सबसे अहम है आम चुनाव। इसके तहत जिस राज्य की जितनी ज्यादा आबादी है, वहां से उतने ज्यादा इलेक्टर्स को आम जनता चुनकर भेजती है। इसमें विनर टेक्स ऑल का नियम लागू होता है। यह 5 नवंबर को है।
इसे राष्ट्रपति चुनाव का सबसे अहम चरण माना जाता है। जिस पार्टी के ज्यादा इलेक्टर्स चुने जाते हैं, उससे लगभग साफ हो जाता है कि कौन अगला राष्ट्रपति बन रहा है।
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