आयरलैंड में इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की एक झलक पाने के लिये शुभचिंतक सड़कों पर कतारबद्ध नजर आए। बाइडन के मुस्कुराते हुए चेहरे वाली तस्वीरें यहां दुकानों की खिड़कियों पर लगी हुई हैं, और एक प्रशंसक ने पोस्टर ले रखा था, जिस पर लिखा था, “2024 - मेक जो प्रेसिडेंट अगेन”। आयरलैंड में जो बाइडन के जबरदस्त स्वागत की एक मुख्य वजह है। दरअसल बाइडन के परदादा वर्ष 1850 से पहले तक पश्चिमी आयरलैंड के काउंटी मेयो में रहा करते थे। यह एक तरीके से बाइडन का अपना घर ही हुआ।
वैसे जो बाइडन जहां भी जाते हैं, वहां अच्छा स्वागत होता है, लेकिन आयरलैंड की गलियां उनके स्वागत में दुल्हन की तरह सजी थीं। हालांकि अमेरिका में बाइडन की लोकप्रियता घट रही है और यह उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान अपने न्यूनतम स्तर के करीब है। यहां तक कि कुछ साथी डेमोक्रेट्स ने यह सुझाव भी दिया कि उन्हें फिर से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। अपनी आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर चर्चा करने के लिए अमेरिका के भीतर यात्राओं के दौरान अक्सर लोगों का समूह हाथ हिलाकर उनका अभिवादन करता नजर आता है और मित्रवत भीड़ उनके भाषणों की सराहना करती है। हालांकि देश में मिलने वाले स्वागत की तुलना उस गर्मजोशी भरे आतिथ्य से नहीं की जा सकती जो उन्हें यहां मिल रहा है।
1850 के बाद आयरलैंड से अमेरिका में आकर बस गए थे बाइडन के परदादा
बाइडन पश्चिमी आयरलैंड में काउंटी मेयो में एक दिन बिताकर आयरलैंड की अपनी यात्रा को पूरा करेंगे, जहां उनके परदादा पैट्रिक ब्लेविट 1850 में संयुक्त राज्य अमेरिका जाने से पहले तक रहते थे। स्थानीय लोग कई सप्ताह पहले से ही बाइडन के दौरे की तैयारियों में जुटे थे, इमारतों पर नया पेंट किया जा रहा था और दुकानों के बाहर अमेरिकी ध्वज टांगे गए थे। यह बड़ी ही विचित्र बात है और बाइडन के पूर्ववर्तियों को भी इसका सामना करना पड़ा है : विदेशी लोग अमेरिकी राष्ट्रपतियों को बहुत पसंद करते रहे हैं । लेकिन देश के भीतर हमेशा उनके साथ ऐसा नहीं हुआ।
राष्ट्रपति मामलों के इतिहासकार डगलस ब्रिंकले ने कहा, "उन्हें इतना प्यार मिलता है जो देश के भीतर मिलना मुश्किल है।" उन्होंने कहा, “आपके देश में एक अमेरिकी राष्ट्रपति होना कुछ ऐसा है जो इस देश के प्रेस और जनता को पागल कर देता है।’’ ब्रिंकले ने कहा, ‘‘ पोप के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति एक ऐसी वैश्विक हस्ती हैं जिन्हें विदेश में बहुत प्यार मिलता है।’’ रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की सालगिरह की पूर्व संध्या पर फरवरी में पोलैंड के वारसॉ में बाइडन की यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति का भाषण सुनने के लिए हजारों लोग रॉयल कैसल की सीढ़ियों में इकट्ठा हुए थे।
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