वाशिंगटन: अमेरिका ने मालदीव और चीन के बीच बढ़ती नजदीकी के मद्देनजर अपने एक फैसले से ड्रैगन को परेशान कर दिया है। अमेरिका ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच समांजस्य बेहतर करने की रणनीति में जुट गया है। इससे चीन की चिंता बढ़ने लगी है। अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक रिचर्ड वर्मा अगले सप्ताह इस मद में भारत, श्रीलंका और मालदीव की 6 दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे। वर्मा की इस यात्रा का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख साझेदार देशों के साथ अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाना और क्षेत्र को स्वतंत्र, सुरक्षित व समृद्ध बनाने के लिए अमेरिका की स्थायी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है।
अमेरिका के उप विदेश मंत्री वर्मा 18 से 23 फरवरी तक तीन देशों की यात्रा करेंगे। शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "अमेरिका की हिंद प्रशांत रणनीति के दो साल पूरे होने के बाद होने वाली उनकी यह यात्रा एक स्वतंत्र, सुरक्षित और समृद्ध क्षेत्र के लिए अमेरिका की स्थायी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।” विज्ञप्ति के अनुसार, यह यात्रा इन प्रमुख हिंद-प्रशांत साझेदार देशों में से प्रत्येक के साथ अमेरिका के सहयोग को मजबूत बनाएगी। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नयी दिल्ली में वर्मा आर्थिक विकास, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी समेत कई मुद्दों से संबंधित अमेरिकी-भारत वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और उद्यमियों से मुलाकात करेंगे।
क्या है अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति
अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति 11 फरवरी, 2022 को पेश की गई थी। इस रणनीति के तहत, अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने स्वतंत्र, समृद्ध, सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के लिए सहयोगियों व भागीदारों के साथ मिलकर काम किया है। वर्मा वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर आर्थिक सहयोग बढ़ाने और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने में साझा प्राथमिकताओं की प्रगति के लिए मालदीव की राजधानी माले जाएंगे। वह अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में कोलंबो जाएंगे। (भाषा)
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