अमेरिका में भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड की कतार और लंबी होती जा रही है। इसी कारण भारतीयों को मिलने वाले ग्रीन कार्ड के इंतजार का समय भी दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जानकारी के मुताबिक करीब 11 लाख भारतीय रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए कतार में लगे हुए हैं। वहीं करीब 4 लाख लोगों की अमेरिका में स्थायी निवास का कानूनी दस्तावेज (ग्रीन कार्ड) मिलने से पहले मौत हो सकती है। दरअसल एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि अमेरिका में रह रहे 4 लाख भारतीयों को शायद जीवित रहते रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड नहीं मिलेगा।
ग्रीन कार्ड मिलने से पहले 4 लाख भारतीयों की हो जाएगी मृत्यु
बता दें कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड को आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड के रूप में जाना जाता है। यह कार्ड अमेरिका में प्रवासियों को जारी किए जाने वाला एक डॉक्यूमेंट है जो सबूत के तौर पर यह बताता है कि धारक को स्थायी रूप से अमेरिका में रहने का विशेषाधिकार दिया गया है। हर देश के लोगों को ग्रीन कार्ड जारी करने की सीमा सीमित है। अमेरिकी रिसर्ट इंस्टिट्यूट 'कैटो इंस्टिट्यूट'के डेविड जे बियर के अध्ययन के मुताबिक, 'रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड में लंबित आवेदन की संख्या इस साल 18 लाख के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।'
अध्ययन में हुआ खुलासा
स्टडी के मुताबिक, इस 18 लाख में दुनियाभर के लोगों ने रोजगार ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया है। लेकिन अकेले 63 फीसदी यानी 11 लाख लंबित आवेदन भारतीयों के हैं। करीब 2,50,000 (14 फीसदी) चीन से है। अध्ययन के अनुसार, किसी भी देश को सात प्रतिशत से अधिक ग्रीन कार्ड (देश की सीमा) नहीं दिए जा सकते। भारतीयों के 11 लाख लंबित आवेदन में अधिकतर खराब प्रणाली का शिकार हैं। इसमें कहा गया कि भारत के नए आवेदकों को जीवनभर इंतजार करना पड़ेगा और 4,00,000 से अधिक लोगों की ग्रीन कार्ड मिलने से पहले ही उनकी मृत्यु हो सकती है। अध्ययन के मुताबिक, मार्च 2023 में 80,324 रोजगार-आधारित आवेदन लंबित थे। 13 लाख प्रतीक्षा सूची में और 2,89,000 अन्य स्तर पर लंबित थे।
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