न्यूयॉर्क: अमेरिका में एक फेडरल जज ने फैसला सुनाया है कि जो बाइडेन प्रशासन कंटेंट मॉडरेशन के संबंध में सोशल मीडिया कंपनियों से संपर्क नहीं कर सकता। जज टेरी डौटी ने लुइसियाना और मिसौरी में रिपब्लिकन अटॉर्नी जनरल द्वारा दायर एक शिकायत के जवाब में निषेधाज्ञा का आदेश दिया, जिन्होंने कहा था कि अमेरिकी सरकार गलत कंटेंट को सही करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बहुत ज्यादा दबाव डाल रही है। जज के इस फैसले को बाइडेन प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
जज के एक फैसले को पहले पलट चुका है सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि फैसला सुनाने वाले जज टेरी डौटी को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नियुक्त किया था। उन्होंने फैसला सुनाया कि कोविड-19 महामारी और चुनाव के बारे में असत्य बयानों को रोकने के सरकार के प्रयासों में ‘यकीनन अमेरिका के इतिहास में फ्रीडम ऑफ स्पीच के खिलाफ सबसे बड़ा हमला शामिल है।’ जज ने इससे पहले इंस्ट्रक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए कोविड-19 वैक्सीन लगवाने को अनिवार्य करने आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जज के इस फैसले को पलट दिया था।
जज ने प्रशासन को कुछ मामलों में राहत भी दी
मिसौरी के रिपब्लिकन सीनेटर एरिक श्मिट ने जो बाइडेन प्रशासन पर ‘एक विशाल सेंसरशिप उद्यम’ बनाने का आरोप लगाते हुए फैसले को ‘प्रथम संशोधन के लिए एक बड़ी जीत और सेंसरशिप के लिए एक झटका’ बताया। हालांकि जज ने इस बार में कुछ अपवादों का भी जिक्र किया है और कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आपराधिक गतिविधि के मुद्दों पर प्रशासन सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बातचीत कर सकता है। इससे पहले भी 2020 के चुनाव के बारे में झूठे बयानों को प्रतिबंधित करने की कोशिशों पर अमेरिका में बवाल मच गया था।
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