US CAATSA India: भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसके पारित होने पर भारत को दंडात्मक ‘सीएएटीएसए’ प्रतिबंधों से विशिष्ट छूट मिल सकती है। खन्ना द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है। सीएएटीएसए एक कड़ा अमेरिकी कानून है, जो प्रशासन को रूस से प्रमुख रक्षा उपकरण और साजोसामान खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है।
साल 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा करने और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित हस्तक्षेप की जवाबी कार्रवाई में अमेरिका ने 2017 में यह कानून पारित किया था। भारत ने अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अनुबंध पर आगे बढ़ने पर उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। खन्ना के अलावा सांसद ब्रैड शेरमैन और डेविड श्वीकर्ट ने भी विधेयक का समर्थन किया है। इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए ‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी’ को भेज दिया गया है।
भारत ने एस-400 का आयात शुरू किया
विधेयक में कहा गया है, ‘भारत को रूस-निर्मित हथियार प्रणालियों को बनाए रखने की जरूरत है, बदलाव के दौर में ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ के तहत लगे प्रतिबंधों से छूट रूस और चीन की घनिष्ठ साझेदारी के आलोक में आक्रामक रवैये वालों को रोकने के लिए अमेरिका और अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी के हित में है।’ भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का आयात करना शुरू कर दिया है, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अब तक सीएएटीएसए के प्रतिबंधों से भारत को छूट देने के संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। मौजूदा कानूनों के तहत, राष्ट्रीय हित में राष्ट्रपति देशों को छूट दे सकते हैं।
तुर्की पर पाबंदियां लगा चुका है अमेरिका
अमेरिका पहले ही रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने को लेकर तुर्की पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियां लगा चुका है। तुर्की पर पाबंदियां लगाए जाने के बाद इस बात की आशंका पैदा हो गई थी कि अमेरिका भारत पर भी ऐसे ही प्रतिबंध लागू कर सकता है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अप्रैल में कहा था कि रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएटीएसएए कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने या छूट देने के मसले पर अमेरिका ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एक स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण कर रहा है और उसका रक्षा अधिग्रहण, उसके राष्ट्रीय सुरक्षा हितों द्वारा निर्देशित है।
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