A
Hindi News विदेश अमेरिका "AI" को बेलगाम घोड़ा नहीं बनने देगा UN, नियंत्रण के लिए बनाया 39 सदस्यों का अंतरराष्ट्रीय बोर्ड

"AI" को बेलगाम घोड़ा नहीं बनने देगा UN, नियंत्रण के लिए बनाया 39 सदस्यों का अंतरराष्ट्रीय बोर्ड

संयुक्त राष्ट्र ने एआई के फायदे के साथ ही साथ उससे दुनिया को होने वाले खतरों को भी अभी से भांप लिया है। इसीलिए यूएन ने इसके नियंत्रण की योजना बनाई है।

संयुक्त राष्ट्र। - India TV Hindi Image Source : REUTERS संयुक्त राष्ट्र।

 कैनबराः कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को यदि खुला छोड़ दिया गया तो यह बेलगाम घोड़ा साबित हो सकता है, लेकिन मगर संयुक्त राष्ट्र ऐसा नहीं होने देगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सलाहकार बोर्ड ने एआई को नियंत्रित करने की योजना बनाई है। इसके लिए 39 सदस्यों का अंतरराष्ट्रीय बोर्ड बनाया है। यूएन ने एआई को मानवता के लिए संचालित करने पर अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में एआई से संबंधित जोखिमों से निपटने के लिए एक खाका प्रस्तुत किया गया है।

इसमें सभी सरकारों और हितधारकों से एआई को नियंत्रित करने में मिलकर काम करने का आह्वान भी शामिल है, ताकि सभी मानवाधिकारों के विकास और संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। यह रिपोर्ट एआई के लिए एक सकारात्मक कदम प्रतीत होती है, जो विकास को प्रोत्साहित करती है, साथ ही संभावित नुकसान को कम करती है। हालांकि, रिपोर्ट के बारीक विवरण कई चिंताओं को उजागर करते हैं। आईपीसीसी की याद दिलाता है एआई पर संयुक्त राष्ट्र सलाहकार बोर्ड की पहली बैठक 26 अक्टूबर, 2023 को बुलायी गई थी।

अंतरराष्ट्रीय संचालन की सिफारिश

इस समिति का उद्देश्य एआई के अंतरराष्ट्रीय संचालन के लिए सिफारिशों को आगे बढ़ाना है। इसमें कहा गया है कि यह दृष्टिकोण एआई के लाभ सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है, जैसे कि वैज्ञानिक जांच के नए क्षेत्रों को खोलना, इस तकनीक के जोखिम, जैसे कि बड़े पैमाने पर निगरानी और गलत सूचना का प्रसार, कम हों। सलाहकार बोर्ड में विभिन्न क्षेत्रों और पेशेवर क्षेत्रों से 39 सदस्य शामिल हैं। इनमें माइक्रोसाफ्ट, मोजिला, सोनी, कोलिनियर एआई और ओपनएआई के उद्योग प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की याद दिलाती है जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन वार्ता में महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करना है।

एआई बोर्ड में कौन शामिल

एआई पर सलाहकार बोर्ड में प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों को शामिल करना आईपीसीसी से एक अलग बात है। इसके कुछ फ़ायदे हो सकते हैं, जैसे कि एआई तकनीकों की ज़्यादा जानकारीपूर्ण समझ। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे कि व्यावसायिक हितों के पक्ष में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण। एआई को मानवता के लिए नियंत्रित करने पर हाल ही में जारी रिपोर्ट इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती है कि हम इस समिति से क्या उम्मीद कर सकते हैं। रिपोर्ट में क्या है? मानवता के लिए एआई को नियंत्रित करने पर अंतिम रिपोर्ट दिसंबर 2023 में एक अंतरिम रिपोर्ट जारी होने के बाद आई है। इसमें मौजूदा एआई शासन व्यवस्था में कमियों को दूर करने के लिए सात सिफ़ारिशें प्रस्तावित की गई हैं।

एआई पर होगा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति का गठन

इनमें एआई पर एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति का गठन, एआई मानकों के आदान-प्रदान का निर्माण और वैश्विक एआई डेटा ढांचे का निर्माण शामिल है। रिपोर्ट सभी सरकारों और संबंधित हितधारकों से सामूहिक रूप से एआई को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई करने के आह्वान के साथ समाप्त होती है। रिपोर्ट के बारे में जो बात परेशान करने वाली है, वह है इसमें किए गए असंतुलित और कई बार विरोधाभासी दावे। उदाहरण के लिए, रिपोर्ट में सही रूप से संकेन्द्रित शक्ति और धन, भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक निहितार्थों पर एआई के प्रभाव को संबोधित करने के लिए शासन उपायों की वकालत की गई है।

हालांकि, यह भी दावा किया गया है कि वर्तमान में कोई भी व्यक्ति एआई की पूरी आंतरिक कार्यप्रणाली को इतना नहीं समझता कि वह इसके आउटपुट को पूरी तरह से नियंत्रित कर सके या इसके विकास की भविष्यवाणी कर सके। (भाषा)

यह भी पढ़ें

PM मोदी की "Made In India" की पटरी पर दौड़ने को बेताब हैं अमेरिकी दिग्गज कंपनियां, चीन को लगेगा सदी का सबसे बड़ा झटका
 

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद श्रीलंका को नई दिशा देने के लिए तैयार "दिसानायके", "पुनर्जागरण युग" लाने का वादा

Latest World News